जो निर्माण सामग्री भवन के ऊपर रखी गई है, उससे यहां टीन शेड निर्माण कराया जाएगा। इसमें चार माह का समय लगेगा। यहां बनने वाले कमरे विद्यार्थियों और शिक्षकों के उपयोग में आएंगे।
आरके वैद्य, एक्सीलेंस स्कूलप्राचार्य और शिक्षक सदन के नोडल अधिकारी
सागरPublished: Sep 03, 2018 11:02:32 am
govind agnihotri
एक्सीलेंस स्कूल के भवन निर्माण की सामग्री को भी छत पर रख दिया
Make junk house Teacher house disorder
सागर. जिला शिक्षा कार्यालय परिसर में बना शिक्षक सदन कबाड़ घर बन गया है। दूसरे जिलों से आने वाले शिक्षकों के रुकने के लिए प्रशासन ने करीब 20 लाख रुपए भवन निर्माण पर खर्च किए थे, लेकिन अभी तक यह शिक्षकों के काम नहीं आ रहा है।
भवन निर्माण के आठ साल बाद भी यहां शिक्षकों के ठहरने के इंतजाम नहीं हो पाए हैं। हैरानी की बात यह है कि बारिश में भवन में अब पानी टपकने लगा है। यहां एक्सीलेंस स्कूल के निर्माण की सामग्री को छत पर रख दिया गया है। यही वजह है कि भवन खस्ताहाल हो गया है। आलम यह है कि उपयोग न होने से नए भवन की ही हालत अब जर्जर हो चुकी है। शिक्षा विभाग की इस अनदेखी का खामियाजा शिक्षकों को भुगताना पड़ रहा है। ऐसे में दूसरे जिलों से आए शिक्षक मजबूरी में लॉज या फिर होटल में ठहर रहे हैं, जिसका भुगतान विभाग को करना पड़
रहा है। हालात यह हैं पिछले सात वर्षों में लगभग २ से ३ बार ही यहां शिक्षक ठहरे हैं।
खिड़की-दरवाजे टूटे
भवन में ६ कमरे और एक हॉल है। जिसमें पलंग और गद्दे पड़े हुए लेकिन बारिश की वजह से यह खराब हो रहे हैं और इसका रखरखाव भी कोई नहीं कर रहा है। रखरखाव न होने से इस भवन की हालत जर्जर हो चुकी है। खिड़की-दरवाजे भी टूटने लगे हैं। छत से पानी भी टपक रहा है।
जिले में आते हैं शिक्षक
शिक्षक सदन का निर्माण जिले के बाहर से आने वाले शिक्षकों को ठहरने के उद्देश्य से कराया जाता है। जिले में हालही में राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता भी हुर्इं, लेकिन यहां शिक्षक नहीं रूक पाए। आए दिन होने वाले कार्यक्रमों के लिए शिक्षक जिले में आते हैं लेकिन यहां उनके रुकने का कोई इंतजाम नहीं रहता है। शिक्षकों को न्यूनतम शुल्क में ठहरने के इंतजाम यहां किए जाने थे, इसका शुल्क मात्र ५० रुपए प्रतिदिन के हिसाब से रहता है।
नहीं सुधरे हालात
भवन निर्माण के चार साल बाद वर्ष २०१५ में इसका उद्घाटन किया गया था। यहां निर्माण होने के बाद ताला डला रहता था। इसके बाद विभाग ने पीडब्लूडी विभाग से हेंडओवर किया लेकिन इसके हालात नहीं सुधरे हैं।
जो निर्माण सामग्री भवन के ऊपर रखी गई है, उससे यहां टीन शेड निर्माण कराया जाएगा। इसमें चार माह का समय लगेगा। यहां बनने वाले कमरे विद्यार्थियों और शिक्षकों के उपयोग में आएंगे।
आरके वैद्य, एक्सीलेंस स्कूलप्राचार्य और शिक्षक सदन के नोडल अधिकारी