scriptसागर के मामा-भांजे की उज्जैन में नदी में डूबने से मौत, क्या इसे ही कहते है डेथ कॉल | MaMa And Bhanej Immersed in the river death of both is this death call | Patrika News

सागर के मामा-भांजे की उज्जैन में नदी में डूबने से मौत, क्या इसे ही कहते है डेथ कॉल

locationसागरPublished: Jul 18, 2019 04:06:19 pm

Submitted by:

Samved Jain

भोपाल से इंदौर जाने का था प्लान, सफर के दौरान उज्जैन में उतरने का अचानक बना प्लान, उज्जैन में घाट से नदी में उतरे और फिर मिले शव

सागर के मामा-भांजे की उज्जैन में नदी में डूबने से मौत, क्या इसे ही कहते है डेथ कॉल

सागर के मामा-भांजे की उज्जैन में नदी में डूबने से मौत, क्या इसे ही कहते है डेथ कॉल

सागर. भोपाल से इंदौर जा रहे सागर के मामा-भांजे की उज्जैन की क्षिप्रा नदी में मौत पर अब सवाल खड़े होने लगे है। कुछ लोग तो इसे डेथ कॉल भी कह रहे है। डेथ कॉल इसीलिए क्योंकि, बताया जा रहा है कि मृत मामा-भांजे का उज्जैन में रुकने का कोई प्लान नहीं था। वह भोपाल से इंदौर के लिए ही निकले थे। उज्जैन में नदी डूबने से सागर और बीना के रहने वाले मामा- भांजे की मौत हो गई।
गुरुवार की दोपहर मृतकों के शव को पोस्टमॉर्टम होने के बाद सागर भेज दिए गए। जहां अंतिम संस्कार किया गया। मरने वालों में सागर के सिहोरा निवासी कुलदीप पिता जयप्रकाश और भांजा बीना निवासी दिग्विजय पिता नत्थू सिंह शामिल है। दोनों ही पीएससी की तैयारी कर रहे थे। भोपाल और इंदौर में यह तैयारी चल रही थी। रात में दोनों की इंदौर के लिए निकलते है। जैसे ही सुबह करीब ५ बजे वह उज्जैन पहुंचते है, रुकने का अचानक प्लान बनता है। यहां वह क्षिप्रा नदी के अखाड़ा घाट पर पहुंचते है। जहां स्नान करते-करते गहराई में चले जाते है।
सागर के मामा-भांजे की उज्जैन में नदी में डूबने से मौत, क्या इसे ही कहते है डेथ कॉल

डूबते ही मची चीख-पुकार, तलाश हुई शुरू


बताया गया है कि जैसे ही दो युवकों को डूबते हुए घाट के अन्य सदस्यों ने देखा, तत्काल ही चीख-पुकार की। जिसे सुनकर तैराक दल के सदस्य भी मौके पर पहुंचे और पानी में जाकर दोनों युवकों की तलाश की। लेकिन ये दोनों गहरे पानी में चले गए थे, इसलिए इन्हें बचाया नहीं जा सका। घटना के बाद दत्त अखाड़ा घाट पर काफी भीड़ जमा हो गई। बाद में क्षिप्रा नदी दत्त अखाड़ा क्षेत्र में बीना और सागर के रहने वाले मामा-भांजे मृत अवस्था में मिले। यहां मौजूद तैराक दल ने इन्हें देखा और पुलिस को सूचना दी।

इंदौर जा रहे थे, उतर गए उज्जैन में


दल के सदस्य हुकुम ठाकुर, किशोर कहार, गणेश कहार, दिनेश कहार, जितेंद्र कहार आदि ने मशक्कत की और शवों को बाहर निकाला गया। जानकारी संस्था के सचिव संतोष सोलंकी ने दी। महाकाल थाना पुलिस के अनुसार कुलदीप पिता जयप्रकाश ठाकुर (मामा) सिहोरा सागर व (भांजा) दिग्विजय सिंह पिता नत्थू सिंह ठाकुर निवासी बीना हैं। बताया जा रहा है कि दोनों भोपाल से इंदौर जा रहे थे। देवदर्शन के लिए कुछ देर उज्जैन रुक गए। इस घटना से हड़कंप मच गया। पुलिस ने परिजनों को फोन पर इसकी सूचना दी है।

सागर के मामा-भांजे की उज्जैन में नदी में डूबने से मौत, क्या इसे ही कहते है डेथ कॉल

क्या इसे ही कहते है डेथ कॉल


उज्जैन में हुई सागर के मामा-भनेज की मौत भले ही नदी में डूबने से हुई, लेकिन इसकी वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। सागर के एक ज्योतिषाचार्य का कहना है कि इस तरह से मौत होना डेथ कॉल कहलाता है। ऐसे मामलों में अचानक कोई व्यक्ति अपना फैसला बदलता है और वह बदला हुआ फैसला उसे मौत की ओर ले जाता है। रास्ता चुनने के बाद सोचने समझने की शक्ति भी कमजोर हो जाती है। मामा-भांजे भी अचानक ही उज्जैन पहुंच गए और नदी के घाट पर यह घटना हो गई। मामले में महाकाल थाना पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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