नया बाजार: 700 से अधिक दुकानें, सुरक्षा रत्तीभर भी नहीं
नया बाजार शहर का सबसे पुराना व बड़े भूभाग में फैले बाजारों में से प्रमुख हैं। यहां 700 से अधिक दुकानें हैं। कपड़ा, किनारा, सौंदर्य, खाद्य से लेकर लगभग सभी प्रकार की खाद्य सामग्री के यहां थोक व फुटकर दुकानें हैं। यह बाजार नगर निगम की आय का भी एक प्रमुख जरिया है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। खासकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तो निगम प्रशासन व व्यापारी ही नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं। बाजार के लगभग 80 फीसदी हिस्से में सड़कों पर इस तरह अतिक्रमण करके चबूतरे व टीन शेड लगाए गए हैं कि फायर ब्रिगेड तक नहीं पहुंच पाती हैं। ज्यादातर व्यापारी निर्धारित क्षेत्रफल में आवंटित दुकानों से दोगुनी जगह पर कारोबार कर रहे हैं। फुटपाथ पर भी कब्जा जमाकर दुकानें लगाई गई हैं। यह सब खुलेआम और नगर निगम के ही जिम्मेदार अफसरों व कर्मचारियों के सामने हो रहा है। चिंता की बात यह है कि बाजार में रोजाना हजारों लोग आते हैं। ऐसी स्थिति में आग लगने जैसी घटना होती है और कोई जनहानि होती हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
नया बाजार शहर का सबसे पुराना व बड़े भूभाग में फैले बाजारों में से प्रमुख हैं। यहां 700 से अधिक दुकानें हैं। कपड़ा, किनारा, सौंदर्य, खाद्य से लेकर लगभग सभी प्रकार की खाद्य सामग्री के यहां थोक व फुटकर दुकानें हैं। यह बाजार नगर निगम की आय का भी एक प्रमुख जरिया है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। खासकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तो निगम प्रशासन व व्यापारी ही नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं। बाजार के लगभग 80 फीसदी हिस्से में सड़कों पर इस तरह अतिक्रमण करके चबूतरे व टीन शेड लगाए गए हैं कि फायर ब्रिगेड तक नहीं पहुंच पाती हैं। ज्यादातर व्यापारी निर्धारित क्षेत्रफल में आवंटित दुकानों से दोगुनी जगह पर कारोबार कर रहे हैं। फुटपाथ पर भी कब्जा जमाकर दुकानें लगाई गई हैं। यह सब खुलेआम और नगर निगम के ही जिम्मेदार अफसरों व कर्मचारियों के सामने हो रहा है। चिंता की बात यह है कि बाजार में रोजाना हजारों लोग आते हैं। ऐसी स्थिति में आग लगने जैसी घटना होती है और कोई जनहानि होती हैं तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?