-यहां भी लगाए हैं उम्मीद
५ विभागों में से अब ३ विभाग में पीजी की सीटें मिलना बाकी हैं। मेडिसिन, सर्जरी और हड्डी विभाग में पीजी की सीटें मिलने की उम्मीद है। हालांकि एमसीआई ने सीटें मंजूर नहीं की हैं और आवेदन नए सिरे से करने के निर्देश दिए हैं। बीएमसी प्रबंधन ने सुनवाई के लिए एक अवसर मांगा है। इन तीन विभागों के विभागाध्यक्ष २४ फरवरी को दिल्ली में सुनवाई के लिए उपस्थित होंगे। इन विभागों में ३-३सहायक प्राध्यापकों की बताई गई है, जबकि निरीक्षण के दौरान दलों ने जो कमी बताई थी। प्रबंधन ने उन्हें दूर कर लिया था। लेकिन फाइनल रिपोर्ट में तीन-तीन सहायक प्राध्यापकों की कमी बताकर इन विभागों को पीजी की सीटें नहीं दी।
-४ विभागों का बढ़ेगा कद
इएनटी, गायनी, पीडियाट्रिक्स और एनीस्थीसिया में पीजी की सीटें मिलने से अब इन विभागों का कद बढ़ेगा। इन विभागों में २४ घंटे डॉक्टरों की तैनाती संभव हो सकेगी। साथ ही मरीजों को पर्याप्त उपचार मिलेगा। शिशु रोग विभाग में ३ सीटें मिलने से डॉक्टरों की कमी पूरी होगी। इसके अलावा संसाधनों को बढ़ाए जाने से शिशुओं का बेहतर इलाज हो सकेगा।
-काउंसिलिंग में शामिल करने भेजा मंजूरी वाला पत्र
दो विभागों में पीजी की सीटें मिलने के बाद बीएमसी प्रबंधन ने शासन को अवगत करा दिया है। नए सत्र में शुरू होने वाली काउंसिलिंग में इन दोनों विभागों को शामिल करने के लिए लेटर ऑफ परमीशन (एलओपी) मप्र सरकार देती है। हालांकि बीएमसी प्रबंधन ने एमसीआई के इस पत्र को शासन को भेजा है। यह दो विभाग काउंसिलिंग के शेड्यूल में जोड़ दिए जाएंगे।
-फैक्ट फाइल
विभाग सीट
इएनटी ०३
गायनी ०३
पीडियाट्रिक्स ०३
एनेस्थीसिया ०३
यह मिलेगा फायदा
-हर साल तीन-तीन पीजी के मिलेगी सीटें
-२४ घंटे मिलेगी मरीज को चिकित्सीय सुविधा।
-विभागों का होगा विस्तार, उपकरणों की बढ़ेगी संख्या।
-बीएमसी की रीढ़ माने जाते हैं पीजी के डॉक्टर।
-सुनवाई से पहले मिली राहत
मुझे ५ विभागों में पीजी की सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन एमसीआई ने आवेदन खारिज कर दिए थे। अपील करने के बाद एमसीआई ने अपनी भूल सुधारते हुए दो विभागों की कम्प्लाइंस रिपोर्ट के आधार पर तीन-तीन सीटें दी हैं। यह बुंदेलखंड के लिए बड़ी बात है।
डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी