मौसम विभाग के अनुसार अलर्ट्स के लिए रंगों का चुनाव कई एजेंसियों के साथ मिलकर किया गया है। जैसे-जैसे मौसम अपने चरम की ओर बढ़ता है, वैसे-वैसे अलर्ट गहरा लाल होता चला जाता है। इसी तरह किसी चक्रवाती तूफान की भीषणता भी इन्ही कलर कोड से होती है। जितना भीषण चक्रवात उतना ही ज्यादा लाल अलर्ट होता जाता है। इन अलर्ट के जरिए लोगों को सचेत किया जाता है।
ग्रीन कोई खतरा नहीं
येलो खतरे के प्रति सचेत रहें। मौसम विभाग के अनुसार येलो अलर्ट के तहत लोगों को सचेत रहने के लिए अलर्ट किया जाता है। यह अलर्ट जस्ट वॉच का सिग्नल है।
ऑरेंज खतरा है, तैयार रहें। जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है तो येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है। इसमें लोगों को इधर-उधर जाने के प्रति सावधानी बरतने को कहा जाता है।
रेड खतरनाक स्थिति। चरण सिंह ने बताया कि जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने की आशंका होती है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है।
इस साल मानसून देरी से आने की संभावना
शहर में मानसून आने की तारीख 13 से 15 जून मानी जाती है, लेकिन मानसून इस बार केरल नहीं पहुंचा है। भोपाल मौसम केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. जीडी मिश्रा ने बताया कि 6 मई तक मानसून के केरल पहुंचने की संभावना है। जिसे प्रदेश में पहुंचने के लिए 15 दिन का समय लगता है। अत: 20 जून के आसपास मानसून आने की संभावना है।