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Videoभट्टी सा तपा सागर, पारा पहली बार 47 डिग्रीसेल्सियस पर, सड़कों पर सन्नाटा

मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट: कहा- बहुत जरूरी होने पर ही निकले अपने घर से

सागरJun 04, 2019 / 12:36 am

हामिद खान

mercury silent on the streets for the first time at 47 degrees Celsius

सागर. भीषण गर्मी और तीव्र लू की चपेट में पूरा प्रदेश सोमवार को नौतपा समाप्त होने के बाद भी भट्टी सा सा तपता रहा। प्रदेश में इस बार गर्मी ने कई दशकों के रेकार्ड तोड़ दिए हैं, इससे सागर भी अछूता नहीं रहा है। यहां पर भी अब तक का सबसे गर्म दिन रहा। प्रदेश की बात करें तो सागर के अलावा दमोह, रायसेन व गुना में सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया जो 47 डिग्री रहा। मौसम विभाग में 1988 से उपलब्धआंकड़ों के अनुसार 31 साल में एेसा पहली बार हुआ है जब पारा 47 डिसे पर पहुंचा हो, इसके पहले तक 8 जून 2014 को दर्ज किया गया 46.6 डिसे सबसे ज्यादा तापमान रेकार्ड किया गया था।
बताया जा रहा है कि अगले 48 घंटे मौसम में कोई बदलाव होने की संभावना नहीं हैं। इसके बाद तापमान में गिरावट आ सकती है। मौसम विभाग के अनुसार सागर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर व चंबल संभागों के जिलों में सामान्य से काफी अधिक रहा। सोमवार का अधिकतम तापमान 47 डिसे जो सामान्य से ८ डिसे अधिक और न्यूनतम तापमान 29.5 डिसे जो सामान्य से 3 डिसे अधिक दर्ज किया गया। पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी का यही आलम है। नौतपा में भी प्रदेश में यह हालात देखने को नहीं मिले जो नौतपा समाप्त होने के बाद देखे जा रहे हैं। दोपहर को आग की तरह चुभती लपटें इस कदर लोगों को परेशान करती हैं कि सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। शादी-विवाह का सीजन होने के बाद भी शहर के बाजारों से लोग गायब हैं, इस जानलेवा गर्मी में बाहर निकलने का साहस कोई भी नहीं कर पा रहा है। पानी के संकट के कारण कूलर चलाने वाले लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सागर. क्या आपको पता है कि मौसम के बारे में सचेत करने के लिए भी कुछ चुनिंदा रंगों का प्रयोग किया जाता है। जैसे रेड अलर्ट, येलो अलर्ट या फिर ऑरेंज अलर्ट।
मौसम विभाग के अनुसार अलर्ट्स के लिए रंगों का चुनाव कई एजेंसियों के साथ मिलकर किया गया है। जैसे-जैसे मौसम अपने चरम की ओर बढ़ता है, वैसे-वैसे अलर्ट गहरा लाल होता चला जाता है। इसी तरह किसी चक्रवाती तूफान की भीषणता भी इन्ही कलर कोड से होती है। जितना भीषण चक्रवात उतना ही ज्यादा लाल अलर्ट होता जाता है। इन अलर्ट के जरिए लोगों को सचेत किया जाता है।
ग्रीन कोई खतरा नहीं
येलो खतरे के प्रति सचेत रहें। मौसम विभाग के अनुसार येलो अलर्ट के तहत लोगों को सचेत रहने के लिए अलर्ट किया जाता है। यह अलर्ट जस्ट वॉच का सिग्नल है।
ऑरेंज खतरा है, तैयार रहें। जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है तो येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है। इसमें लोगों को इधर-उधर जाने के प्रति सावधानी बरतने को कहा जाता है।
रेड खतरनाक स्थिति। चरण सिंह ने बताया कि जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने की आशंका होती है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है।
इस साल मानसून देरी से आने की संभावना
शहर में मानसून आने की तारीख 13 से 15 जून मानी जाती है, लेकिन मानसून इस बार केरल नहीं पहुंचा है। भोपाल मौसम केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. जीडी मिश्रा ने बताया कि 6 मई तक मानसून के केरल पहुंचने की संभावना है। जिसे प्रदेश में पहुंचने के लिए 15 दिन का समय लगता है। अत: 20 जून के आसपास मानसून आने की संभावना है।

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