इस स्कूल को लोग कहते हैं कॉलेज, जानिए क्या है कारण
तीन सौ विद्यार्थी अध्ययनरत, फैकल्टी भी स्थाई नही

सागर. जिले के केसली में स्थित सरकारी कॉलेज बीते तीन सालों से मिडिल स्कूल के भवन में संचालित हो रहा है। इसमें भी महज दो कमरे हैं। कॉलेज में ३०० विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, जिनके लिए न तो बैठने की व्यवस्था है और न ही शौचालय आदि की। शासन ने कॉलेज के भवन के लिए एक साल पहले ६ करोड़ ५० लाख रुपए जारी भी कर दिए हैं, लेकिन भवन के लिए आवंटित भूमि पर विवाद होने के से काम शुरू नहीं हो सका है।
२०१४-१५ में खुला
था केसली कॉलेज
केसली में ३ साल पूर्व कॉलेज शुरू हुआ था। पूर्व में यहां कॉलेज न होने के कारण गांव व आसपास के छात्रों को केसली से २५ किमी दूर देवरी जाना पड़ता था। समस्या को देखते हुए यहां कॉलेज की घोषणा की गई थी और उसी सत्र से गांव के मिडिल स्कूल के दो कमरों में कॉलेज का कला संकाय शुरू हो गया।
कलेक्टर ने दूसरी जमीन आवंटित की
प्रशासन द्वारा १५ सितंबर २०१४ को गांव के पास ही जैतपुरा पटवारी हल्का नंबर २२, खसरा नंबर ८९/१ में १६ हेक्टेयर भूमि कॉलेज को आवंटित कर दी गई, लेकिन फिर कुछ लोगों द्वारा विरोध किया जाने लगा। विरोध के चलते कलेक्टर ने पहले जारी की गई भूमि के आवंटन को निरस्त करते हुए १ मार्च २०१८ को केसली में ही दूसरी जगह जमुनिया पटवारी हल्का नंबर २८ में से कुल ४ हेक्टेयर भूमि आवंटित की है।
एक साल पहले आया पैसा
राज्य शासन ने घोषणा के अनुरूप केसली के इस कॉलेज के भवन निर्माण के लिए २५ मार्च २०१७ में ६ करोड़ ५० लाख रुपए जारी कर दिए। भवन निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग के पीआईयू को एजेंसी बनाया गया। पीआईयू के अधिकारियों ने मौके पर जाकर उसका स्टीमेट आदि तैयार कर निर्माण की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन विरोध के कारण निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हो पाया। साढ़े छह करोड़ रुपए पिछले एक साल से विभाग के बैंक खाते में पड़े हुए हैं। एक साल में भवन की लागत भी बढ़ गई है। इसके बाद स्वीकृत हुआ मालथौन कॉलेज की बिल्डिंग का काम ३० प्रतिशत पूरी भी हो चुका।
हर दो महीने में बदलते हैं प्राचार्य
कॉलेज में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्राचार्य, सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी, ग्रंथपाल व द्वितीय श्रेणी कर्मचारी के कुल १७ पद स्वीकृत किए गए हैं, लेकिन अभी तक एक भी परमानेंट फेकल्टी को पदस्थ नहीं किया गया है। जेडी ऑफिस से हर दो महीने के लिए केसली कॉलेज में डिप्लाई में एक अस्थाई प्राचार्य को भेजा जाता है। बांकी कार्य अतिथि शिक्षकों के द्वारा कराया जा रहा है।
केसली में संचालित कॉलेज की बिल्डिंग के लिए कलेक्टर ने दूसरी जगह भूमि आवंटित की है। जल्द ही बिल्डिंग का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। -डॉ. आरके गोस्वामी, ओएसडी उच्च शिक्षा विभाग
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