मंत्री का इशारा होते ही मंत्री का काफिला बीच सड़क पर ही रुका दरअसल, संसदीय क्षेत्र के भ्रमण पर निकले मोदी सरकार के केंद्रीय राज्यमंत्री वीरेंद्र खटीक की मंगलवार को बिजावर लवकुशनगर क्षेत्र में थे। इस दौरान मंत्री जी की चप्पल टूट जाती है। मंत्री का काफिला दोपहर के समय जैसे ही बिजावर बस स्टैंड से गुजर रहा था। इसी दौरान मंत्री वीरेंद्र खटीक ने बस स्टैंड के पास एक मोची को बैठे हुए देखा। फिर क्या था, मंत्री का इशारा होते ही मंत्री का काफिला बीच सड़क पर ही थम जाता है। सभी अपनी-अपनी कार से उतरकर कारण जानने लगते है। प्रोटोकाल में भी मंत्रीजी का यहां कोई उतरना तय नहीं था।
अचानक मचे हड़कंप के बीच मंत्री जी सब ऐसे क्लीयर कर देते है। वह सामने ही बैठे मेाची के पास जाते हैं और अपनी चप्पल उतारकर खड़े हो जाते हैं और उसे चप्पल जोडऩे के लिए कहते है। यह देख सभी को समझ आ जाता है कि मंत्रीजी की चप्पल टूट गई थी। चप्पल सुधरने के दौरान वह बिना चप्पल के ही मोची की दुकान के बाहर खड़े रहे। इस दौरान सुरक्षा कर्मी मंत्री की सुरक्षा में इन्हें घेरे हुए नजर आए। मंत्री की इस सादगी और प्रेम को देखकर लोग उनकी चर्चाएं करने लगे। इस दौरान सड़क पर जाम की स्थिति बनने से जरूर लोगों को परेशानी हुई।
काफिला सड़क पर थमने से हुई परेशानी
मंत्री का काफिला सड़क पर खड़े रहने के दौरान मार्ग के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। यहां से निकलने वाले लोग भी अचरज में पड़ गए कि आखिरकार रोड पर इतनी भीड़ क्यों लगी है। सादगी के लिए प्रसिद्ध मंत्री खटीक का यूं सड़क पर रुककर चप्पल सुधरवाा लोगों को बिलकुल भी रास नहीं आया। मंत्री का काफिला दोपहर करीब एक बजे अचानक बिजावर बस स्टैंड के पास रुक गया। इसमें आधा दर्जन गाडिय़ां शामिल थीं। सड़क के बीचों बीच अचानक रुके काफिले के कारण सुरक्षा में तैनात गार्ड धड़ाधड़ गाड़ी से नीचे उतरे और मंत्री को चारों तरफ से घेर लिया। मंत्री खटीक भी बिना रुके सीधे सड़क किनारे बैठे एक मोची के पास पहुंचे और मरम्मत के लिए उसे चप्पल दे दी। इस दौरान अस्पताल जाने वाले लोग 20 मिनट तक परेशान रहे। रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकडऩे वाले भी समय से नहीं पहुंच सके। ज्यादातर लोगों को पैदल ही जाम से होकर गुजरना पड़ा।
मंत्री का काफिला सड़क पर खड़े रहने के दौरान मार्ग के दोनों ओर लंबा जाम लग गया। यहां से निकलने वाले लोग भी अचरज में पड़ गए कि आखिरकार रोड पर इतनी भीड़ क्यों लगी है। सादगी के लिए प्रसिद्ध मंत्री खटीक का यूं सड़क पर रुककर चप्पल सुधरवाा लोगों को बिलकुल भी रास नहीं आया। मंत्री का काफिला दोपहर करीब एक बजे अचानक बिजावर बस स्टैंड के पास रुक गया। इसमें आधा दर्जन गाडिय़ां शामिल थीं। सड़क के बीचों बीच अचानक रुके काफिले के कारण सुरक्षा में तैनात गार्ड धड़ाधड़ गाड़ी से नीचे उतरे और मंत्री को चारों तरफ से घेर लिया। मंत्री खटीक भी बिना रुके सीधे सड़क किनारे बैठे एक मोची के पास पहुंचे और मरम्मत के लिए उसे चप्पल दे दी। इस दौरान अस्पताल जाने वाले लोग 20 मिनट तक परेशान रहे। रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकडऩे वाले भी समय से नहीं पहुंच सके। ज्यादातर लोगों को पैदल ही जाम से होकर गुजरना पड़ा।
पुराना है मंत्री का मोची प्रेम
मोदी सरकार के राज्यमंत्री वीरेंद्र खटीक का मोची प्रेम पुराना है। इससे पहले राज्यमंत्री बनने के बाद ही वह छतरपुर बस स्टैंड के पास एक मोची की दुकान पर बैठकर जूते पर पॉलिश कराते हुए नजर आए थे। इस दौरान वह एक अखबार वितरक से मेल मुलाकात करते हुए भी देखे गए थे। इस दौरान उन्होंने सादगी का परिचय देते हुए यह कहा था कि मंत्री वह नहीं आप सब हैं। इसके बाद अब बिजावर बस स्टैंड पर भी चप्पल टूटने के बाद बिना कोई झिझक ने वह सुधरवाते हुए नजर आए। इस तरह मोदी के मंत्री क सादगी और मोची प्रेम से सभी प्रभावित नजर आए।
मोदी सरकार के राज्यमंत्री वीरेंद्र खटीक का मोची प्रेम पुराना है। इससे पहले राज्यमंत्री बनने के बाद ही वह छतरपुर बस स्टैंड के पास एक मोची की दुकान पर बैठकर जूते पर पॉलिश कराते हुए नजर आए थे। इस दौरान वह एक अखबार वितरक से मेल मुलाकात करते हुए भी देखे गए थे। इस दौरान उन्होंने सादगी का परिचय देते हुए यह कहा था कि मंत्री वह नहीं आप सब हैं। इसके बाद अब बिजावर बस स्टैंड पर भी चप्पल टूटने के बाद बिना कोई झिझक ने वह सुधरवाते हुए नजर आए। इस तरह मोदी के मंत्री क सादगी और मोची प्रेम से सभी प्रभावित नजर आए।
पंक्चर वाले के रूप में है वीरेंद्र खटीक की पहचान
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। पीएम मोदी की कैबिनेट में शामिल होने वाले वीरेन्द्र कुमार खटीक कभी अपने पिता के साथ मिलकर साइकिल का पंक्चर बनाया करते थे। वह अपने पिता के साथ पंक्चर बनाना तो सीखते ही थे, साथ ही दुकान की जिम्मेदारी भी संभालना शुरू कर दी थी। इसी के साथ-साथ वह अपनी पढ़ाई भी करते रहते थे। आपको बता दें कि वीरेन्द्र ने अर्थशास्त्र में एमए और चाइल्ड लेबर में पीएचडी किया है। जिस समय जेपी आंदोलन हुआ था, उसमें वीरेन्द्र भी करीब 16 महीने तक जेल में रहे थे। बताया जाता है कि वह आज भी अपने पुराने हरे रंग के स्कूटर से अपने शहर में सफर किया करते हैं। 63 साल के वीरेन्द्र कुमार संघ, विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं। 1996 में वीरेन्द्र ने पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद वह अगले तीन साल तक मध्य प्रदेश के सागर से लोकसभा चुनाव जीतते रहे। अब तक वह 6 बार लोकसभा सासंद का चुनाव जीत चुके हैं और संसद की स्टैंडिंग कमेटी के भी सदस्य हैं।
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। पीएम मोदी की कैबिनेट में शामिल होने वाले वीरेन्द्र कुमार खटीक कभी अपने पिता के साथ मिलकर साइकिल का पंक्चर बनाया करते थे। वह अपने पिता के साथ पंक्चर बनाना तो सीखते ही थे, साथ ही दुकान की जिम्मेदारी भी संभालना शुरू कर दी थी। इसी के साथ-साथ वह अपनी पढ़ाई भी करते रहते थे। आपको बता दें कि वीरेन्द्र ने अर्थशास्त्र में एमए और चाइल्ड लेबर में पीएचडी किया है। जिस समय जेपी आंदोलन हुआ था, उसमें वीरेन्द्र भी करीब 16 महीने तक जेल में रहे थे। बताया जाता है कि वह आज भी अपने पुराने हरे रंग के स्कूटर से अपने शहर में सफर किया करते हैं। 63 साल के वीरेन्द्र कुमार संघ, विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी के कई पदों पर रह चुके हैं। 1996 में वीरेन्द्र ने पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद वह अगले तीन साल तक मध्य प्रदेश के सागर से लोकसभा चुनाव जीतते रहे। अब तक वह 6 बार लोकसभा सासंद का चुनाव जीत चुके हैं और संसद की स्टैंडिंग कमेटी के भी सदस्य हैं।