मानसून की होने वाली है दस्तक, कैसे निपटेंगे आपदा से पता नहीं
अभी तक नहीं हुई बैठक

बीना. मानसून की दस्तक होने वाली है, लेकिन अभी तक आपदा से निपटने की तैयारी को लेकर प्रशासन स्तर पर कोई बैठक आयोजित नहीं हुई है। जबकि यहां नदियों के कारण कई गांव टापू बन जाते हैं और पिछले वर्षों में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मानसून पूर्व राजस्व विभाग द्वारा हर वर्ष आपदा प्रबंधन की बैठक आयोजित की जाती है, जिसमें बाढ़ प्रभावित गांवों की सूची तैयार कर वहां आपदा से निपटने के लिए तैयारियां की जाती हैं। साथ ही पटवारी, सचिव, चौकीदारों को जिम्मेदारी देकर हालातों पर नजर रखने के निर्देश दिए जाते हैं और कंट्रोल रुम बनाकर उसका नंबर जारी किया जाता है, लेकिन इस वर्ष अभी तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है। जबकि जिला स्तर पर बैठक आयोजित हो चुकी है और अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं।
यह गांव बन जाते हैं टापू
बीना नदी किनारे बसे गांव रेता, मुहांसा, बरोदियाघाट, कैथनी रैयतवारी, हांसुआ, कजरई, बेतवा नदी किनारे हांसलखेड़ी, लखाहर, हिन्नौद, गोची, महूटा, कंजिया, पिपरासर भूट, नरेन नदी किनारे चमारी, पालीखेड़ और परासरी नदी किनारे परासरी, बेधई गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं।
नाव, तैराक की नहीं व्यवस्था
बाढ़ आने की स्थिति में स्थानीय स्तर पर न तो नाव की सुविधा रहती हैऔर न ही तैराकों की। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए जिला मुख्यालय से नाव और तैराक बुलाए जाते हैं, लेकिन जिला मुख्यालय से व्यस्थाएं जुटाने में समय लग जाता है और ग्रामीणों को परेशानी होना पड़ता है।
नपा में भी नहीं हुई बैठक
ग्रामीण क्षेत्रों सहित नगरपालिका में भी आपदा प्रबंधन संंबंधी कोई बैठक आयोजित नहीं की गई है। जबकि मोतीचूर नदी उफान पर आने से कई वार्डों में पानी भर जाता है। इसको लेकर अधिकारी गंभीर नहीं हैं।
15 जून की पहले हो जाएगी बैठक
15 जून के पहले आपदा प्रबंधन की बैठक कर तैयारियां कर ली जाएंगी। अभी जिला स्तर पर बैठक आयोजित हुई है।
डीपी द्विवेदी, एसडीएम, बीना
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