सागरPublished: Aug 20, 2018 09:55:04 am
govind agnihotri
गंदगी से पटे पड़े नाले, निगम का नहीं सफाई पर ध्यान, चाय-नास्ता वालों ने कर रखा है कब्जा
Most Pashch Colony transformed into slums Cleanliness campaign
सागर. शहर के सबसे बेहतर पॉश क्षेत्रों में से एक सिविल लाइन में नगर निगम की अनदेखी के कारण स्लम बस्तियों जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। कहने को तो यहां शहर के शिक्षित, व्यावसायिक, नौकरी पेशा लोग रहते हैं लेकिन यहां पर पसरी गंदगी किसी मलिन बस्ती जैसा अनुभव कराती है। सिविल लाइन चौराहा के पास निगम प्रशासन ने करीब डेढ़ माह पहले सफाई के नाम पर नाले पर जेसीबी मशीन चला दी थी जिससे नाले की दीवार कई जगह से टूटकर गिर गई। इसके बाद यहां न तो सफाई कार्य किया गया और न ही छतिग्रस्त हुई दीवार को दुरुस्त करवाया गया। जिसके कारण स्थनीय दुकानदारों और लोगों का सांस लेना दूभर हो गया है।
लोगों ने लगाए लापरवाही के आरोप –
स्थानीय व्यवसाई जय मिश्रा, राहुल चौधरी, अरविंद पांडे ने बताया कि कई बार उन्होंने अपने पैसे से सफाई कार्य करवाया है लेकिन यहां पर कोई कचरा उठाने ही नहीं आता है। एक महीने से भी कम समय में यहां पर फिर से अव्यवस्था हो जाती है। कई बार वार्ड के सफाई दरोगा से भी शिकायत की लेकिन वह लगातार लापरवाही करने में जुटा है। सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि यहां पर नाला की दीवार को तो तोड़ दिया गया लेकिन अतिक्रमण पर निगम के जिम्मेदार पूरी तरह से मेहरबानी किए हुए हैं। गंदगी के कारण सांस लेना तक दूभर हो गया है। वार्ड के अनेक लोगों ने निगम अधिकारियों से भी शिकायत की, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
एेसे सुधारेंगे स्वच्छता रैंकिंग-
शहर में कचरा प्वाइंट्स पर किसी भी स्थिति में चौबीस घंटे से ज्यादा कचरा के ढेर नहीं रहने चाहिए। इसके अलावा एेसे क्षेत्रों में डस्टबिन रखने का भी प्रावधान है लेकिन सिविल लाइन वार्ड के सफाई दरोगा की लापरवाही के कारण स्वच्छता रैंकिंग पर असर पडऩा तय है। टीपीआई की टीम हर बार व्यवसायिक क्षेत्र होने के कारण सिविल लाइन क्षेत्र का ही
निरीक्षण करती है।