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assembly election 2018 : बीना-सुरखी विधानसभा में होगा रोचक मुकाबला, जानिए कौन हैं दावेदार

बीना में 20 साल से भाजपा का कब्जा तो सुरखी में बदलता रहता है वोटर्स का मूड
 

सागरSep 08, 2018 / 02:39 am

govind agnihotri

mp assembly election 2018 candidate in bina and surkhi vidhansabha

शशिकांत ढिमोले, अभिलाष तिवारी, सचिन तिवारी . सागर. बीना और सुरखी जिले की महत्वपूर्ण विधानसभा हैं। इस बार चुनाव में टिकट के लिए दोनों क्षेत्रों में कांग्रेस व भाजपा के दावेदार ताल ठोक रहे हैं। बीना विस एससी के लिए आरक्षित है, जबकि सुरखी बाहुबली व धनपतियों का क्षेत्र माना जाता है। बीना में पिछले 20 साल से भाजपा का कब्जा है, जबकि सुरखी के मतदाता पार्टी प्रत्याशी बदलते रहते हैं। इस बार के चुनाव में भी टक्कर का मुकाबला देखने को मिलेगा। इन सीटों पर मुख्य रूप से भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी ही आमने-सामने होंगे। सुरखी सीट पर मुकाबला इसलिए भी रोचक होगा, क्योंकि पिछली बार कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत महज 141 वोट से हारे थे।

बीना: वजूद बचाने करनी पड़ सकती है मशक्कत
बीस वर्षों से आरक्षित बीना सीट पर काबिज भाजपा को इस बार अपना वजूद बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। सत्ता विरोधी रुझान के चलते भाजपा को जमीनी स्तर पर कार्य करना होगा। कांग्रेस जमीनी स्तर पर कार्य कर रही है, लिहाजा उसे मिशन-2018 में खोने को कुछ नहीं है।

2013 में वोट
महेश राय भाजपा- 61356
निर्मला सप्रे कांग्रेस- 42587

ये हैं प्रमुख मुद्दे- उद्योगों की स्थापना, बीना रिफाइनरी में लोगों को रोजगार, बीना को जिला बनाने की मांग।

भाजपा : मजबूत दावेदार
महेश राय- वर्तमान विधायक व क्षेत्र में लगातार सक्रिय।
धरमू राय- खुरई से चार बार विधायक रहे, लंबा अनुभव।
नीतू राय- नपा अध्यक्ष, मिलनसार छवि, राजनीतिक पृष्ठभूमि।
डॉ. विनोद पंथी- पूर्व विधायक

कांग्रेस : मजबूत दावेदार
निर्मला सप्रे- पूर्व प्रत्याशी, लगातार सक्रिय।
शशि कैथोरिया- जिला पंचायत सदस्य, प्रबल दावेदार।
उमा नवैया- जिला ग्रामीण महिला कांग्रेस अध्यक्ष
इसके अलावा आधा दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ता भी सक्रिय।

जातिगत समीकरण- सीट आरक्षित होने से इस क्षेत्र में जातिगत समीकरण हमेशा से हावी रहे हैं। इस बार एससी वर्ग से अहिरवार समाज को ही टिकट देने की मांग भी उठ रही है।

विधायक की परफॉर्मेंस- शहरी क्षेत्र में विधायक ने सक्रियता बनाने में कामयाबी हासिल की, लेकिन ग्रामीण अंचलों में पैठ कमजोर हुई, विकास के कार्य किए।

पार्टी सभी कार्यकर्ताओं को मौका देती है। इस बार भी ऐसे चेहरे को आगे लाएगी जो जीत सके।
-शैलेष केशरवानी, जिला महामंत्री भाजपा

 

 

ये हैं प्रमुख मुद्दे
सिंचाई संसाधन, सड़क, रोजगार के अवसर, उच्च शिक्षा संस्थान समेत अन्य समस्याएं

भाजपा : मजबूत दावेदार
पारुल साहू- वर्तमान विधायक।
राजेंद्र सिंह मोकलपुर- प्रबल दावेदार
रामकुमार पप्पू तिवारी- सोसायटी अध्यक्ष, सक्रिय नेता।
राजकुमार सिंह धनौरा- ब्लॉक अध्यक्ष सरपंच संघ।
नीरज शर्मा- अध्यक्ष नगर परिषद
कांग्रेस : मजबूत दावेदार
गोविंद सिंह राजपूत- पूर्व विधायक व कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव। पार्टी में अच्छी पकड़, क्षेत्र में इनके विरुद्ध कोई गुटबाजी नहीं। क्षेत्र से कांग्रेस की ओर से लंबे समय से एक ही दावेदार।

जातिगत समीकरण- इस विस क्षेत्र में जातिगत समीकरणों का उतना ज्यादा असर नहीं है जितना कि प्रत्याशी का बाहुबली व धनपति होना मायने रखता है।
दावेदारों के दावे पर पार्टी विचार कर रही है। जीतने में सक्षम को ही टिकट मिलेगा।
-डॉ.संदीप सबलोक, संभागीय प्रवक्ता कांग्रेस
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