scriptMP Elections 2018 प्लानिंग न होने से नरयावली में बिखरा डवलपमेंट | MP Elections 2018 Distraction Development in Narayawala | Patrika News
सागर

MP Elections 2018 प्लानिंग न होने से नरयावली में बिखरा डवलपमेंट

पत्रिका ने जानी जमीनी हकीकत

सागरSep 16, 2018 / 05:35 pm

manish Dubesy

MP Elections 2018 Distraction Development in Narayawala

MP Elections 2018 Distraction Development in Narayawala

विधानसभा क्षेत्र- नरयावली
बूथ नंबर- 83 कैंट वार्ड सागर- हुलासीराम मुखारया कन्या
उ. मा. विद्यालय सदर
कांग्रेस को वोट- 796
बूथ पर कुल मान्य वोट- 938
सागर. नरयावली विधानसभा का बूथ- ८३ सदर क्षेत्र में आता है। कैंट एरिया में आने के बाद भी क्षेत्र में कोई खास विकास कार्य नहीं दिख रहे। नरयावली विधानसभा क्षेत्र जिले की अन्य क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा बिखराव लिए हुए है और एेसा ही इस क्षेत्र का विकास दिख रहा है, जहां कोई भी चीज व्यवस्थित नहीं। सदर इलाका होने के कारण इस क्षेत्र के मार्ग चौड़ाई जरूर लिए हुए हैं, लेकिन अधिकतर सड़कें खस्ताहाल हैं। विधानसभा में सैन्य एरिया ज्यादा होने के कारण यहां विकास कार्य तो दिख रहे हैं, लेकिन उसमें विधायक का दखल बहुत कम रहा है। २०१३ में कांग्रेस प्रत्याशी रहे सुरेंद्र चौधरी का कहना है कि नरयावली का पिछले पांच वर्ष में कोई विकास नहीं हुआ। स्थिति जस की तस है। मकरोनिया क्षेत्र को बर्बाद कर दिया गया। मुख्य मार्गों पर अतिक्रमण है। रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण न होने से हजारों लोगों का समय रोजाना बर्बाद हो रहा है। स्वच्छता अभियान के तहत कैंट एरिया में एक भी शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया। इसके लिए विधायक प्रदीप लारिया सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं, क्योंकि वे क्षेत्र की जनता को योजनाओं का लाभ नहीं दिला पाए। हाल ही में मतदाता सूची से हजारों लोगों के नाम काट दिए गए हैं, जो अपने आपमें एक बड़ा फर्जीवाड़ा है।
स्थानीय निवासी समीर मकरानी, रवि अहिरवार, मोहम्मद शाहिद का कहना है कि विधानसभा क्षेत्र में रोजगार के साधन बढ़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। इस विस का सबसे बड़ा नगरीय क्षेत्र मकरोनिया है, फिर विकास कार्य सुनियोजित नहीं हुए। सड़कें जर्जर, नालियां खुली पड़ी हैं।
विस क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता एससी-एसटी वर्ग के हैं और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी की हार-जीत का निर्णय इन्हीं के मतों पर निर्भर करता है। इस कारण पिछले पांच वर्ष में भाजपा व कांग्रेस ने इसी वर्ग को ध्यान में रखते हुए कार्य किए हैं।

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