परीक्षाओं का चलेगा मूल्यांकन
1 अप्रैल से नया सत्र शुरू होगा लेकिन शिक्षक मूल्यांकन और परीक्षा की अंकसुची को तैयार करने में व्यस्त रहेंगे। पूरे मार्च माह में परीक्षा चल रही है। कक्षा 9वीं और 11 वीं का भी रिजल्ट कब आएगा इसकी तारीख नहीं आई है। ऐसे में शिक्षकों को दोहरी जिम्मेदारी निभानी होगी। वहीं लोकसभा चुनाव में शिक्षकों की ड्युटी लगाई जाएगी, जिसका असर भी नए सत्र में देखने को मिलेगा।
बच्चों को नहीं मिलेंगी पुस्तकें नए सत्र की शुरूआत के पहले दिन बच्चों को पुस्तकें ही नहीं मिलेंगी। प्राथमिक शाला में २८ हजार बच्चों के प्रवेश का लक्ष्य रखा है लेकिन इन्हें पढ़ाई के लिए किताबें नहीं मिलेंगी। पाठ्य पुस्तक निगम की तैयारियां अधूरी हैं। अधिकारियों का कहना है अभी सत्र की शुरुआत हो रही है। इससे नामांकन रजिस्टर, आवश्यक दस्तावेज की प्रक्रिया अप्रेल में पूरी हो जाएगी। स्कूलों में कमजोर बच्चों के लिए रेमेडियल क्लास लगाईं जाएंगी। पुस्तकें जुन-जुलाई में ही मिल पाएंगी।
प्रवेशोत्सव के बाद घर-घर जाएंगे
शिक्षा विभाग ने १ अप्रैल से सत्र शुरू करने की घोषणा तो कर दी है लेकिन इस बार का लक्ष्य अब तक नहीं बना कि कितने बच्चों को प्रवेश दिया जाना है। इस बार शिक्षा की मुख्यधारा से शाला त्यागी बच्चों को जोडऩे की भी कोई तैयारी नहीं हुई है। प्रवेशोत्सव के बाद स्कूल चलें हम अभियान चलेगा। वर्तमान में अभियान चलाने के लिए विभाग के पास शिक्षकों की व्यवस्था नहीं है।
हायरसेकेण्डरी में प्रोविजनल एडमिशन सत्र की शुरूआत होने के बाद कई कक्षाओं की परीक्षा का रिजल्ट नहीं आ पाएगा। ऐसे में बच्चों को स्कूलों में प्रोविजनल एडमिशन लेना पड़ेगा। नौवीं एवं ग्यारहवीं की परीक्षा इस बार जल्दी शुरू हो गई हैं। इससे इन दोनों कक्षाओं का रिजल्ट तो मार्च को आ सकता है लेकिन बोर्ड का रिजल्ट मई तक आएगा। इससे इस क्लास के स्टूडेंट को प्रोविजन एडमिशन लेना पड़ेगा। इसके बाद पास होने पर अगली क्लास में शामिल हो पाएंगे।
वर्शन नए सत्र की तैयारियां हमनें शुरू कर दी हैं। ९वीं और ११वीं का रिजल्ट मार्च में खुलेगा। शासन के अकादमिक कैलेण्डर के अनुसार गतिविधियां स्कूलों में चलेंगी। महेन्द्र प्रताप तिवारी, डीइओ