किसानों का कहना था कि बढ़ती महंगाई का असर खेती किसानी पर पड़ता नजर आ रहा है। खाद के दाम बढऩे के बाद बीज और अब डीजल की किल्लत का असर भी दिखने लगा है। किसानों ने खरीफ फसलों को बोने की व्यवस्थाओं के लिए डीजल का स्टॉक करना शुरू कर दिया है। बीज निगम ने भी बीज विक्रय की दरों को घोषित कर दिया है। सोयाबीन के दाम 10 हजार प्रति क्विंटल के ऊपर निर्धारित किए गए है। हालांकि इसमें शासन ने दो हजार रुपए का अनुदान भी रखा है। बीज खरीदने पर किसानों को दस हजार एक सौ रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ही भुगतान करना पड़ेगा। बीज की अनुदान राशि किसानों के खाते में आएगी।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अनुदान अधिकतम दो हेक्टेयर तक बीज की मात्रा पर प्रति किसान के मान दिया जाएगा। देखा जाए तो वर्ष 2020 में सोयाबीन के दाम 7 हजार रुपए के करीब था। अब 10100 रुपए प्रति क्विंटल विक्रय होने लगा है। लेकिन विभाग के साथ अधिकारियों का कहना था कि बीजों को परीक्षण के बाद ही बोए। जिससे नुकसान का सामना नहीं करना पड़े।
किसानों को लाभ मिलेगा
उपसंचालक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग का कहना है कि बीज निगम द्वारा बीज की दरों का पत्र भेजा गया है। विभिन्न योजना का अनुदान भी भेजा है। खाद, बीज और डीजल की महंगाई बढ़ रही है तो वह शासन की नीति है। विभाग द्वारा किसानों का शासन की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। किसान खरीफ बोवाई के पहले बीजों का परीक्षण करें। उसके बाद बीज बोए।
बीज की सरकारी दरें
बीज | विक्रय दर | अनुदान |
सोयाबीन | 10100 | 2000 |
तिल | 12800 | 4000 |
मूंगफली | 8200 | 4000 |
धान | 5000 | 2000 |
मक्का | 4600 | 3000 |
ज्वार | 5800 | 3000 |
कोदो | 5500 | 3000 |
मूंग | 10400 | 5000 |
उडद | 9500 | 2500 |
अरहर | 9500 | 5000 |