कौन है पंकज, आरती दयाल से क्या है संबंध…
पंकज दयाल नाम के युवा का नाम इन दिनों हनी ट्रैप गर्ल आरती दयाल के नाम से साथ बतौर पति काफी सुर्खियों में है। जिसमें बताया जा रहा है कि आरती दयाल का पति पंकज दयाल है। जिसके विरुद्ध आरती दयाल ने ८ माह पहले छतरपुर में दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज कराया था। यह बात सच भी है कि आरती ने पंकज के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था। पंकज कटनी जिले का रहने वाला है। उसकी शादीशुदा तो है, लेकिन पंकज के अनुसार आरती से उसका कभी विवाह ही नहीं हुआ। आरती के जाल में फंसकर वह लिव-इन-रिलेशन में जरूर उसके साथ रहा, लेकिन कभी शादी नहीं की। आरती उसे भी ब्लेकमेल करने लगी थी, लेकिन जब उसकी डिमांड पूरी नहीं की थी तो उसने मेरे विरुद्ध भी झूठी शिकायत कर दी थी। आरती ने जबरन अपना नाम मेरे सरनेम के साथ जोड़ रखा है और फर्जी तरीके से आधार कार्ड भी इसी नाम से बना रखा है। आरती से मैने कभी शादी की ही नहीं है।
आरती दयाल नहीं अहिरवार है, वर्मा भी कह सकते है
आरती दयाल के कथित पति पंकज दयाल ने पत्रिका से खास बातचीत के दौरान बताया कि जब मेरी आरती से कभी शादी हुई ही नहीं तो वह आरती दयाल कैसे हो गई। पंकज ने बताया कि आरती छतरपुर की निवासी है। वह एक अधिकारी की बेटी है। आरती का पूरा नाम आरती अहिरवार है। आरती अहिरवार की शादी फरीदाबाद में किसी वर्मा परिवार में हुई थी। इसके बाद आरती अहिरवार से आरती वर्मा हो गई। चाल-चलन की वजह से आरती को फरीदाबाद से पति ने भगा दिया था। इसके बाद आरती छतरपुर में ही रहने लगी थी। छतरपुर में रहने के दौरान वह आरती के संपर्क में आया था। आरती ने उसे सेक्स के लिए ऑफर किया था। इसके बाद वह लिव-इन में रहने लगे थे। कुछ महीनों बाद आरती ने उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। उसके विरुद्ध झूठी शिकायतें भी थाने में दर्ज कराई थी। आरती अपने सही सरनेम अहिरवार या वर्मा का इस्तेमाल करें। दयाल से उनका कोई नाता नहीं है।
कौन है आरती दयाल, अहिरवार और वर्मा क्यों नहीं लिखती सरनेम
अफसरों और नेताओं को हनी ट्रेप में फंसाकर ब्लैकमेल करने वाले गिरोह की सदस्य आरती दयाल छतरपुर के वार्ड नंबर 37 देरी रोड की निवासी है। आरती के छतरपुर में बनाए शिकार में उनके पति का भी नाम है। आठ माह पहले अपने पति पंकज दयाल के खिलाफ छतरपुर के सिविल लाइन थाना में दहेज प्रताडऩा का केस दर्ज कराया था। केस दर्ज कराने के बाद से ही आरती ने अपने पति का साथ छोड़ दिया और हनी ट्रेप में फंसाकर लोगों को ब्लैकमेलिंग का धंधा शुरु कर दिया। शहर में नामचीन लोगों को शिकार बनाने के बाद वो भोपाल चली गई, जहां उसकी पहचान बड़े ब्लैकमेलर गिरोह के लोगों से हुई और वो ब्लैकमेलिंग के काले कारोबार में पूरी तरह से उतर गई। ये गिरोह रुपए वाले लोगों को टारगेट कर अपनी साजिश का शिकार बनाते और करोड़ों रुपए ऐठता था। एटीएस की टीम ने जब उसे पकड़ा तो छतरपुर आरटीओ में दर्ज कार से ही वसूली करने गई थी। आरती के मामले में अब नया खुलासा हुआ है कि उनका सरनेम अहिरवार या वर्मा है।