सागर लोकसभा क्षेत्र में दादा के नाम से पहचाने जाने वाले सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बढ़ते कदमों को उनकी उम्र पीछे खींच रही है। शारीरिक रूप से अभी भी सक्षम यादव को टिकट मिलने में अब पार्टी का वह नियम आड़े आ गया है, जिसमें तय किया गया है कि 75 की उम्र पार नेता को प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा। हालांकि यादव अभी भी दावेदारी कर रहे हैं और मंगलवार को भी दिल्ली में अपना डेरा डाले थे। टिकट मांगने के पीछे वह तर्क भी दे रहे हैं कि उम्र अभी 74 वर्ष है। 24 मार्च 2014 को उन्होंने नामांकन के साथ दाखिल किए शपथ पत्र में उल्लेख किया था कि उनकी उम्र 73 वर्ष है। यदि शपथ पत्र को आधार माना जाए तो वह 78 वर्ष के हो गए हैं। संसद की अधिकृत वेबसाइट में उनकी जन्मतिथि 9 दिसंबर 1944 बताई गई है।
सांसद यह दे रहे तर्क
दिल्ली में डेरा जमाए सागर सांसद यादव टिकट मिलने के प्रति आश्वस्त हैं। पत्रिका से फोन पर चर्चा में उन्होंने कहा कि अभी वह 74 वर्ष के हैं और टिकट के नियम के दायरे में नहीं आ रहे। कुछ आला नेताओं से चर्चा हुई है। चर्चा के दौरान पार्टी के नेताओं ने उन्हें आश्वस्त भी किया है। यादव का कहना है, पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि 75 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी नेता को टिकट नहीं देगी। यदि पार्टी इसे 75 मानती है तो अलग बात है।
कौन हैं दादा लक्ष्मीनारायण यादव
70 के दशक से राजनीति में सक्रिय सागर सांसद दादा लक्ष्मीनारायण यादव मप्र विधानसभा के दो बार सदस्य रह चुके हैं। वे उच्च शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में यादव ने सागर से चुनाव लड़ा और विजयश्री हासिल की।
कई दिग्गज नहीं मैदान में
भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के टिकट कट चुके हैं। लालकृष्ण आडवाणी गुजरात की गांधीनगर सीट से चुनाव लड़ते थे। इस बार इस सीट से अमित शाह मैदान में उतरेंगे। कानपुर से मुरली मनोहर जोशी के स्थान पर सत्यदेव पचौरी को प्रत्याशी बनाया गया है। कलराज मिश्रा आदि के नाम शामिल हैं। हालांकि इनमें से कई नेताओं के बारे में कहा गया कि उन्होंने स्वयं चुनाव न लडऩे की बात कही है।