रेकॉर्ड की उड़ चुकीं धज्जियां
निगम कार्यालय में संपत्ति कर, जलकर का रेकॉर्ड पहले से ही गायब है और अब कचरा गाडि़यों के नए रेकॉर्ड से अधिकारी दुविधा में पड़ गए हैं। निगम में पूर्व में ठेका पर कम्प्यूटर का काम करने वाली एजेंसी पर रेकॉर्ड न देने का आरोप है, जिस मामले में निगम प्रशासन या नेता आज तक कोई एक्शन नहीं ले पाए हैं।
एेसे सामने आ रहीं विसंगतियां
– संपत्ति कर किसी और के नाम और कचरा का यूजर चार्ज का बिल किसी दूसरे का नाम बना दिया है। जिसके कारण भ्रम की स्थिति हो रही है।
– कई मकानों में चार-चार किराएदार रह रहे हैं लेकिन उनकी जानकारी न होने से एक ही बिल बन गया। गोपालगंज, वैशालीनगर, सिविल लाइन, तहसीली जैसे क्षेत्रों में एेसे मामले ज्यादा सामने आए हैं।
22 कर्मचारियों की छटनी, मुसीबत में कचरा गाड़ी
कचरा गाड़ी के संचालन में लगे करीब 22 कर्मचारियों की छटनी किए जाने की बात सामने आ रही है, जिनमें अधिकांश कर्मचारी सुपरवाइजर स्तर के थे जो शहर के वार्डों में चलने वाली कचरा गाडि़यों की मॉनीटरिंग करते थे। यही वजह है कि कचरा गाड़ी का संचालन कुछ दिनों से लड़खड़ा गया है। संत रविदास वार्ड के कुछ क्षेत्रों में कई दिनों से कचरा गाड़ी नहीं पहुंची है।
दो डंपर हो गए जब्त
तिली स्थित पेट्रोल पंप से जहां से रैमकी अपने वाहनों में डीजल भराती थी वहां पर पैसों का भुगतान न किए जाने पर संचालक द्वारा दो डंपरों को जब्त करने की भी बात सामने आई है। ये दोनों ही वाहन करीब एक सप्ताह से पंप पर रखे हैं। इस मामले में रैमकी के मैनेजर अमित दुबे का कहना है कि एक-दो दिन में यह मामला सुलझ जाएगा।
कहीं बंद न हो जाए कचरा गाड़ी
यूजर चार्ज के बिल जैसे ही कंपनी को बांटने की जिम्मेदारी सौंपी गई तो एजेंसी के हाथ-पांव ढीले पडऩे लगे हैं। नाम न छापने की शर्त पर कुछ कर्मचारियों ने बताया कि कई क्षेत्रों में बिल लेकर पहुंचने पर स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें न तो निगम प्रशासन सहयोग कर रहा है और न ही टैक्स कलेक्टर।
फैक्ट फाइल
– 70 हजार के लगभग तैयार हो रहे कचरा कलेक्शन के बिल
– 5 से 7 हजार बिलों का ही हो पाया अब तक वितरण
– 29 महीनों का एक साथ वसूला जाना है यूजर चार्ज
– 5 करोड़ से ज्यादा की निगम की वसूली अटकी।
जिम्मेदार बोले
संपत्ति कर, जलकर के रेकॉर्ड से कचरा कलेक्शन के यूजर चार्ज के बिलों का रेकॉर्ड मैच करना मुश्किल है। सर्वे में भवन मालिक ने जो नाम बताए थे, कर्मचारियों ने वही दर्ज किए हैं। निगम प्रशासन की ओर से रेकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया था जिसके कारण समस्या सामने आई।
– अमित दुबे, सिटी मैनेजर, रैमकी इन्वायरो लिमिटेड