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जानिए एेसा क्या हुआ कि पुलिस के बिना जाने से कतराने लगे नगर निगम कर्मी

locationसागरPublished: Jun 03, 2018 05:49:49 pm

बीते दिन काकागंज वार्ड में हुए घटनाक्रम के बाद निगमकर्मियों ने यह निर्णय लिया है।

Municipal corporation will not go without police

Municipal corporation will not go without police

सागर. नगर निगम का अतिक्रमणरोधी दस्ता अब बिना पुलिस की सुरक्षा के शहर में कब्जा हटाने की कार्रवाई नहीं करेगा। बीते दिन काकागंज वार्ड में हुए घटनाक्रम के बाद निगमकर्मियों ने यह निर्णय लिया है। दल के प्रभारी संजय सोनी ने बताया कि बीते दिन काकागंज में महिलाओं ने निगमकर्मियों पर ईंटें फेंकी थी। इसके अलावा अन्य परिजनों से भी निगमकर्मियों का विवाद हुआ। यही वजह है कि अब जब भी कब्जा हटाया जाएगा तो पुलिस बल की मौजूदगी में ही कार्रवाई करेंगे।
सूचना के बाद भी नहीं आई पुलिस
नगर निगम प्रशासन ने काकागंज में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई करने के एक दिन पूर्व ही पुलिस को सूचना भेज दी थी लेकिन इसके बावजूद तय समय पर एक भी पुलिसकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। निगमकर्मियों ने अपने स्तर पर कार्रवाई की जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। करीब ६ महीने पूर्व भी अतिक्रमण दल के कर्मचारियों के साथ सिविल लाइन क्षेत्र में मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया था। शनिवार को शहर में कुछ स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रस्तावित की गई थी लेकिन निगमकर्मियों ने इसे बाद में टाल दिया।

मुनमुन ढाबा पर आठ माह पहले हुए जानलेवा हमले का फरार आरोपी दबोचा
सागर. नवंबर २०१७ में आपसी रंजिश के चलते फोरलेन हाइवे पर बाछलोन के पास मुनमुन ढाबे पर ढाबा संचालक और उसके साथी को गोली मारने के मामले के फरार आरोपी राजू मिश्रा को बहेरिया पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार मुनमुन ढाबा के मालिक बाबा परिहार और उसके साथी ललसू उर्फ ललित पटेल पर ३ नवंबर को पुरानी रंजिश के चलते संतराम ठाकुर, राजू मिश्रा, धर्मेन्द्र उर्फ महेन्द्र पटेल, अम्मू राइन, रिंकू घारू और मयंक केशरवानी ने हमला कर दिया था।
संतराम ने गोली चलाई थी जबकि राजू ने चाकू से वार किया था। पुलिस ने इस मामले में हत्या के प्रयास का अपराध दर्ज कर संतराम, धर्मेन्द्र उर्फ महेन्द्र, अम्मू राइन, रिंकू घारू और मयंक केशरवानी को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि राजू मिश्रा फरार हो गया था। पिछले दिनों फरार मिश्रा की गिरफ्तारी पर एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने इनाम की घोषणा भी की थी। बीती शाम बहेरिया थाने को उसके छिपे होने की सूचना मिली। आरक्षक सुरेश और भोला यादव ने उसे गिरफ्तार कर शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से जेल भेजा।

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