scriptmp election 2018 : किसान करे तो का करे, टैम पे पैसा नईं मिल रव | Naryawali Constituency ground report | Patrika News

mp election 2018 : किसान करे तो का करे, टैम पे पैसा नईं मिल रव

locationसागरPublished: Oct 26, 2018 02:10:45 am

Submitted by:

Atul sharma

नरयावली विधानसभा : कर्रापुर में कड़क हुईं सरकारी योजनाएं, बोले लोग- अफसरशाही पर नहीं लगाम

Naryawali Constituency ground report

Naryawali Constituency ground report

सागर. बंडा रोड पर नरयावली विधानसभा का आखिरी गांव कर्रापुर। शहर से लगभग बीस किलोमीटर दूर। कहने को गांव है, लेकिन आबादी और मतदाता के लिहाज से किसी कस्बे से कम नहीं। लोगों की आय का मुख्य जरिया खेती-किसानी है, लेकिन यह जरिया दु:ख दे रहा है। न तो सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी है और न ही बिजली। सिंचाई के लिए 24 में से 10 घंटे बिजली नाकाफी साबित हो रही है। मतदाताओं का मन टटोलने के लिए पत्रिका की टीम गांव पहुंची तो उन्होंने यही दु:खड़ा रोया।

चाय की दुकान पर दो लोगों ने बात शुरू की तो चार-छह लोग और पहुंच गए। युवाओं सहित बुजुर्गों ने भी अपनी बात रखी। बेंच पर खैनी रगड़ रहे 87 वर्षीय भागवल सिंह कहते हैं कि भैया किसान का करे। फसल भावांतर में बेच दी, लेकिन टैम पे पैसा नईं मिल रव। कई बार गुहार लगा चुके, लेकिन हर बार मिल जैहे को भरोसा मिल रओ, पैसा नहीं। अब तक सूखा की मदद भी नहीं मिली। ग्राम पंचायत सिमरिया के किसान बृजेश सिंह बोल उठे। 40 एकड़ जमीन के काश्तकार बृजेश का दु:ख है कि उनके कुएं में पानी इतना है कि चौबीस घंटे मोटर चला लें, लेकिन बिजली केवल दस घंटे मिल रही है। लाइट खराब होने के कारण दो दिन से मोटर ही नहीं चली, सो खेत से निकलकर कर्रापुर आ गए। नेता कहते हैं कि अब वह कुछ नहीं कर सकते। आचार संहिता जो लगी है। महेंद्र कहते हैं साहब कोई लगाम नहीं है अफसरों पर। गरीब मर रहा है।

बिजली कंपनी ने पुन्ना अहिरवार को दो कनेक्शन का बिल थमा दिया। वह कई आवेदन दे चुका, लेकिन एक कनेक्शन नहीं काटा जा रहा। अब बेचारा गरीब कहां से दे दो कनेक्शन का बिल। यहीं पर बैठे 73 वर्ष के महेंद्र सिंह कहते हैं कि हम पूरी तरह किसानी पर निर्भर हैं और यह किसान को ही सहारा नहीं दे रहे। विश्वनाथ अग्निहोत्री योजनाओं के धरातल पर सही तरीके से क्रियान्वयन न होने पर इतने खफा नजर आए कि उन्होंने कह दिया अब चुनाव में चेहरा नहीं पूरी पार्टी ही बदल जानी चाहिए, ताकि किसानों को कुछ राहत तो मिले।सुरेंद्र सिंह राजपूत बताते हैं कि 2012 में नल जल योजना मंजूर हुई थी, लेकिन आज तक यह जमीन पर नहीं उतर सकी। ऐसा नहीं है कि विकास नहीं हुआ है। विकास तो हुआ, लेकिन रहली,खुरई जैसा नहीं।


कर्रापुर- सागर-बंडा
मार्ग पर स्थित है गांव
आबादी- लगभग 13000
मतदाता- लगभग 8500
मूल पेशा- किसानी
विधायक- प्रदीप लारिया

सागर का गंदा नाला बना कर्रापुर में नदी
सागर में बहने वाला नाला कर्रापुर तक जाते-जाते नदी का रूप ले लेता है। यहां के लोग इससे सिंचाई करते हैं। इस बार यह नाला सूख गया है। नाला के नजदीक कुओं का जलस्तर भी गिर गया है। यह किसानों की समस्या का कारण बनता जा रहा है।

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