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पांच माह बाद भी शावकों को गुफा से बाहर नहीं लाई बाघिन, ट्रेंक्युलाइज का असर होने की आशंका

locationसागरPublished: Oct 19, 2019 09:58:26 pm

गर्भ धारण करने के आसपास ट्रेंक्युलाइज करने से शावकों में रहती है सुस्ती, पांच माह से शावकों के बाहर न आने के कारण विभाग को भी चिंता, लेकिन बोलने से बच रहे अधिकारी
There is a possibility of the impact of the Tranquilis on the Cubs

पांच माह बाद भी शावकों को गुफा से बाहर नहीं लाई बाघिन, ट्रेंक्युलाइज का असर होने की आशंका

पांच माह बाद भी शावकों को गुफा से बाहर नहीं लाई बाघिन, ट्रेंक्युलाइज का असर होने की आशंका

सागर. नौरादेही अभयारण्य में कान्हा से आई बाघिन राधा बीते पांच माह से शावकों के साथ गुफा में रह रही है। 8-9 मई को तीन शावकों को जन्म देने के कुछ समय बाद बाघिन को तो गुफा के बाहर जंगल में देखा गया है, लेकिन शावक अभी भी गुफा से बाहर नहीं आए हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि बाघिन के गर्भ धारण के आसपास ही उसको ट्रेंक्युलाइज किया गया था, जिसका असर बच्चों पर भी होने का अंदेशा लगाया जा रहा है। यही कारण है कि बाघिन अब तक शावकों को गुफा में ही सुरक्षित रखे हुए हैं। यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह शावकों के वयस्क होने के बाद ही उन्हें गुफा से बाहर निकालेगी।

पहले ही जहरखुरानी को लेकर थी चिंता
वन विभाग के अनुसार करीब तीन साल पहले पेंच अभयारण्य में शिकारियों ने राधा के पूरे परिवार को जहरीला पदार्थ खिलाकर मार दिया था। तब यह बाघिन 6 माह की थी, लेकिन जहर की ज्यादा खुराक नहीं खाने के कारण इसे बचा लिया गया। बाद में दूध की बॉटल के जरिए बाघिन को कान्हा अभयारण्य में पाला गया। बाघिन को नौरादेही लाने के बाद वन विभाग के अधिकारियों बाघिन के शरीर पर जहर के असर को देखते हुए उसके मां बनने की भी कम उम्मीद थी। मई 2019 में तीन शावकों को जन्म देने के बाद विभाग की यह चिंता तो दूर हो गई, लेकिन अब ट्रेंक्युलाइज का असर बच्चों पर होने की आशंका ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।

बाघिन के गले से गिर चुकी है कॉलर आइडी

शावकों के जन्म के दौरान बाघिन की कॉलर आइडी भी गिर चुकी है, उसके बाद से बाघिन बिना कॉलर आइडी के ही अभयारण्य में है। जानकारों का कहना है कि ट्रेंक्युलाइज करने से बाघिन चोटिल भी हो सकती है और फिलहाल शावकों की सुरक्षा को देखते हुए यह जोखिम उठाने से विभाग डर रहा है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन में वाइल्ड लाइफ और टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के परीक्षण के बाद भी बाघिन को ट्रेंक्युलाइज कर दोबारा कॉलर आइडी पहनाई जाएगी। बताया जा रहा है कि इसमें एक से डेढ़ माह का समय लग सकता है।

एक्सपर्ट व्यू

गर्भ धारण कुछ समय पहले या कुछ समय बाद बाघिन को ट्रेंक्युलाइज किया जाए और डोज हैवी हो तो शावकों पर इसका असर आ सकता है। इसमें उन्हें दूध पीने में दिक्कत हो सकती है इसके अलावा सामान्य गतिविधियों में भी वे सुस्त हो सकते हैं। हालांकि इससे उनकी शारीरिक संरचना पर कोई असर नहीं आता है और न ही किसी प्रकार की विकृति होती है।

अनिल यादव, वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट

शावकों के वयस्क होने तक रिस्क नहीं ले सकते

बाघिन को ट्रेंक्युलाइज किया जाना है, लेकिन जब तक शावक वयस्क नहीं हो जाते तब तक यह रिस्क नहीं लेंगे। उम्मीद है कि एक माह के बाद बाघिन भी शावकों के साथ बाहर आने-जाने लगेगी।

नवीन गर्ग, डीएफओ, नौरादेही अभयारण्य

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