पहले दिन सुबह से ही माता के दरवार में सुबह से ही भक्तों का ताता लगा रहा। मां के दरवार में भजन, गीतों के कारण सारा वातावरण भक्तिमय हो गया। धार्मिक स्थलों पर मां के दर्शनों के लिए भक्त लंबी कतारें लगाए खड़े थे। तो दूसरी ओर पंडाल में मूर्ति की स्थापना के लिए भक्त गाजे-बाजे के साथ मूर्ति लेकर पहुंचे। माता के भक्तों ने नाच गाकर स्वागत किया। नवरात्री का पर्व पर सभी वर्गो में उत्साह चरम पर रहता है।
रानगिर पहुंचे भक्त
शहर से लगे प्राचीन रानगिर माता मंदिर में भी सुबह से ही श्रृद्धालुओं का आना शुरू हो गया, जो शाम के वक्त तक जारी रहा। कोई पैदल, तो कोई साष्टांग प्रणाम करते हुए माता के दरबार में पहुंचे। यहां शहर से ही नहीं बल्कि आस-पास कोई स्थानों से लोगों दर्शन करने के लिए पहुंचे।
जल चढ़ाने पहुंची महिलाएं
शहर के एक और प्राचीन बाघराज माता मंदिर में भी आस्था का सैलाब देखा गया। सुबह से महिलाएं यहां जल चढ़ाने के लिए पैदल पहुंची। सुबह के वक्त घटस्थापना व पूजन के साथ माता की आरती की गई। मंदिर में नौ दिन तक भीड़ बनी रहेगी।