एेसे समझें मामला
जानकारी के मुताबिक लक्ष्मी सिविल इंजीनियरिंग के यहां पर प्रियेश रंजन और सत्येंद्र शर्मा नाम के दो व्यक्ति इंजीनियर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। लक्ष्मी सिविल के कार्य की मॉनीटरिंग के लिए राज्य शासन से एजिश नाम की एक कंसल्टेंसी एजेंसी बैठाई गई है। बीते दिनों भोपाल से इन्हीं दोनों इंजीनियर को एजिश में मॉनीटरिंग के लिए नियुक्त कर दिया गया। आम आदमी पार्टी के शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव का आरोप है कि इस घटनाक्रम से यह बात स्पष्ट हो गई है कि सागर और भोपाल के अधिकारियों की सेटिंग ठेकेदार से है।
एेसी स्थिति में निर्माण कार्य की मॉनीटरिंग सही तरीके से होगी, इसका प्रश्न ही नहीं उठता है। शोध के अनुसार संयुक्त परिवार में रहने वाले विद्यार्थियों में तनाव कम पाया गया। क्योंकि वे अपनी बातें घर-परिवार में साझा कर लेते हैं, उन्हें उचित डाइट और नींद के लिए माहौल मिलता है।
रेस्टोरेशन के कार्य में लापरवाही जारी
भोपाल मुख्यालय से सीवर एजेंसी को ३० जून तक शहर में रेस्टोरेशन का कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए थे ताकि बरसात के मौसम में शहरवासियों को परेशानी का सामना न करना पड़े लेकिन एजेंसी इस मामले में लगातार लापरवाही करने में जुटी है। गोपालगंज शमशानघाट को जाने वाले मार्ग के पास एजेंसी द्वारा रेस्टोरेशन के नाम पर पत्थर भर दिए गए हैं जिसके कारण राहगीरों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
हां नियुक्त हुए हैं
हमारे यहां काम करने वाले दो इंजीनियर्स को कंसल्टेंसी एजेंसी एजिश में नियुक्ति किया गया है। पिछले महीने ही दोनों को भोपाल से नियुक्त किया गया है।
-विवेक मोले, बीएम, लक्ष्मी सिविल इंजीनियरिंग