सागर

न मौखिक न लिखित में निर्देश दे सकते हैं नेता प्रतिपक्ष

महापौर के अधिकारों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं: दरे, इधर नेता प्रतिपक्ष परमार ने कहा कि अच्छे काम के लिए महापौर की अनुमति की जरुरत नहीं, महापौर दरे ने नेता प्रतिपक्ष परमार को लिखा पत्र

सागरJan 22, 2019 / 09:49 pm

अभिलाष तिवारी

न मौखिक न लिखित में निर्देश दे सकते हैं नेता प्रतिपक्ष

सागर. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद शहर की नगर सरकार में अधिकारों को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। मंगलवार को महापौर अभय दरे ने नेता प्रतिपक्ष अजय परमार को पत्र लिखकर अपने अधिकार क्षेत्र के तहत कार्य करने की बात कही। महापौर दरे ने कहा कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से नेता प्रतिपक्ष परमार निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों को मौखिक रूप से लगातार डरा-धमका रहे थे लेकिन अब वे लिखित रूप में आदेश जारी करने लगे हैं जो उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है। महापौर दरे ने नेता प्रतिपक्ष पर नियम विरुद्ध तरीके से लिखित में टीप देकर अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं जो गलत है। महापौर दरे के इस बयान पर नेता प्रतिपक्ष परमार ने पलटवार किया है। परमार का कहना है कि शहर की जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठाया है और यह उनका संवैधानिक अधिकार है कि जो अच्छा काम है उसे करें। अच्छे काम करने के लिए उन्हें महापौर दरे से अनुमति लेने की जरुरत नहीं है।

आमने-सामने

– परमार निर्वाचित पार्षद हैं। वे अपने वार्ड समेत किसी भी वार्ड की समस्या है तो मेरे या निगमायुक्त के संज्ञान में ला सकते हैं। एेसे नहीं कि वे खुद ही दिशा-निर्देश देने लगें। यदि कोई धनराशि या अनियमितता सामने आती है तो उसकी सीधी जिम्मेदारी मेरी होगी इसलिए नेता प्रतिपक्ष का यह अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
– अभय दरे, महापौर

– नगर विकास व जनहित के कार्यों में महापौर दरे अवरोध न बनें। जहां तक सवाल है आदेश, निर्देश, अनुमति व कार्यक्षेत्र का तो इस नगर की जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश व जिम्मेदारी दी है। अच्छे कामों के लिए उनकी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। एेसा प्रतीत होता है कि महापौर घबराहड़ में आकर एेसे उलटे-सीधे बयान दे रहे हैं।
– अजय परमार, नेता प्रपितक्ष

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