हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा पिछले महीने से प्राथमिक व मिडिल स्कूलों में मरम्मत व रंगाई, पुताई के लिए ३ कक्षों वाले स्कूल को ५ हजार तो तीन से ज्यादा कक्ष वाले स्कूलों को १० हजार रुपए की राशि जारी की है।
जिले में ४११ से अधिक सरकारी स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं। इन भवनों की मरम्मत के लिए जिला कार्यालय से पहले ही ३ करोड़ रुपए की मांग की गई है। जिसके एवज में विभाग ने प्रति स्कूल के मान से यह राशि जारी की है।
यहां-इतने स्कूलों को मरम्मत चाहिए
बंडा २३, बीना ३९, देवरी ३३, जैसीनगर ३८, केसली २६, खुरई ३६, मालथौन २४, राहतगढ़ १६, रहली ४२,
सागर ६८, शाहगढ़ ६६ स्कूल।
इधर, स्कूलों में प्लास्टिक के सामान का नहीं होगा उपयोग
सागर ञ्च पत्रिका. स्कूलों में अब प्लास्टिक प्रदूषण कम करने के लिए अभियान शुरू होगा। इसके लिए स्कूलों में प्लास्टिक की वस्तुएं पूर्णत: प्रतिबंधित की जाएंगी। विद्यार्थियों में भी प्लास्टिक के दुष्परिणाम को बताने के लिए स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। मप्र पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने इसके लिए डीईओ को निर्देश जारी किए हैं। जारी निर्देशों के मुताबिक स्कूलों में प्लास्टिक निर्मित वस्तुएं जैसे पॉलीथिन बैग, पानी की बॉटल, प्लेट, जग, प्लास्टिक फोल्डर्स, टे्र, पेन स्टैंड आदि का उपयोग नहीं होगा। बच्चों को स्वच्छता अभियान से जोडऩे और पर्यावरण के नजदीक लाने के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी संस्था के पास किसी एक जलीय/तटीय क्षेत्र, पोखर, नदी, तालाब, झील, कुआं, बावड़ी जैसे जलस्रोतों को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए वहां श्रमदान भी किया जाएगा।
पर्यावरण दिवस पर होगा सम्मान
स्कूल प्रबंधन एक जलस्रोत को प्लास्टिक मुक्त करने की जिम्मेदारी भी लेंगे। इसके तहत प्लास्टिक मुक्त विद्यालयों को पर्यावरण मंत्रालय हरित विद्यालय घोषित कर सम्मानित करेगा। इन गतिविधियों और आयोजन की फोटोग्राफ, प्रतिवेदन आदि ३० जून तक पर्यावरण मंत्रालय में भेजे जाएंगे, जिससे ५ जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र द्वारा संबंधित स्कूल को सम्मानित किया जाएगा।