scriptस्टाम्प ड्यूटी से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में कराई जाएगी साफ-सफाई व मरम्मत | New Way to Clean in Government schools in Madhya Pradesh | Patrika News

स्टाम्प ड्यूटी से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में कराई जाएगी साफ-सफाई व मरम्मत

locationसागरPublished: May 22, 2018 12:48:47 pm

Submitted by:

govind agnihotri

स्टाम्प ड्यूटी से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में साफ-सफाई व मरम्मत कराई जाएगी

स्टाम्प ड्यूटी से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में कराई जाएगी साफ-सफाई व मरम्मत

स्टाम्प ड्यूटी से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में कराई जाएगी साफ-सफाई व मरम्मत

सागर. प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री के समय पंचायत शुल्क के नाम पर वसूली जाने वाली स्टाम्प ड्यूटी से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में साफ-सफाई व मरम्मत कराई जाएगी। पंचायत विभाग द्वारा इसके लिए जिले के १९१० प्रायमरी व मिडिल स्कूलों में १ करोड़ ४६ लाख १४ हजार ५० रुपए दिए जाएंगे। इस राशि में से ६० फीसदी मरम्मत व अधूरे निर्माण को पूरा कराने पर खर्च की जाएगी, जबकि ४० प्रतिशत राशि का इस्तेमाल साफ-सफाई के लिए किया जाएगा। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक लोकेश कुमार जाटव ने कलेक्टर व जिला शिक्षा केंद्र के समन्वयक को पत्र जारी करते हुए इसकी जानकारी दी है।
बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र की संपत्ति की रजिस्ट्री के दौरान पंजीयन विभाग १ प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी वसूलता है और यह राशि पंचायत क्षेत्र के विकास के लिए ही दे दी जाती है। अभी तक स्कूलों में साफ-सफाई के लिए अलग से बजट नहीं होता था, इसकी व्यवस्था संबंधित प्रधानाध्यापक को अकास्मिक निधि से ही करना होती थी। इस समस्या को देखते हुए अब शासन ने भवन व शौचालय की साफ-सफाई के लिए अलग से फंड की व्यवस्था की है। मिलने वाली राशि से नियमित सफाई के लिए पार्ट टाइम सफाईकर्मी की व्यवस्था ग्राम पंचायत से समन्वय कर कलस्टर बनाकर की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने भी जारी की है राशि:-
हालांकि शिक्षा विभाग द्वारा पिछले महीने से प्राथमिक व मिडिल स्कूलों में मरम्मत व रंगाई, पुताई के लिए ३ कक्षों वाले स्कूल को ५ हजार तो तीन से ज्यादा कक्ष वाले स्कूलों को १० हजार रुपए की राशि जारी की है।
411 स्कूल जर्जर स्थिति में…
जिले में ४११ से अधिक सरकारी स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं। इन भवनों की मरम्मत के लिए जिला कार्यालय से पहले ही ३ करोड़ रुपए की मांग की गई है। जिसके एवज में विभाग ने प्रति स्कूल के मान से यह राशि जारी की है।
यहां-इतने स्कूलों को मरम्मत चाहिए
बंडा २३, बीना ३९, देवरी ३३, जैसीनगर ३८, केसली २६, खुरई ३६, मालथौन २४, राहतगढ़ १६, रहली ४२,
सागर ६८, शाहगढ़ ६६ स्कूल।
इधर, स्कूलों में प्लास्टिक के सामान का नहीं होगा उपयोग
सागर ञ्च पत्रिका. स्कूलों में अब प्लास्टिक प्रदूषण कम करने के लिए अभियान शुरू होगा। इसके लिए स्कूलों में प्लास्टिक की वस्तुएं पूर्णत: प्रतिबंधित की जाएंगी। विद्यार्थियों में भी प्लास्टिक के दुष्परिणाम को बताने के लिए स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। मप्र पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अनुपम राजन ने इसके लिए डीईओ को निर्देश जारी किए हैं। जारी निर्देशों के मुताबिक स्कूलों में प्लास्टिक निर्मित वस्तुएं जैसे पॉलीथिन बैग, पानी की बॉटल, प्लेट, जग, प्लास्टिक फोल्डर्स, टे्र, पेन स्टैंड आदि का उपयोग नहीं होगा। बच्चों को स्वच्छता अभियान से जोडऩे और पर्यावरण के नजदीक लाने के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी संस्था के पास किसी एक जलीय/तटीय क्षेत्र, पोखर, नदी, तालाब, झील, कुआं, बावड़ी जैसे जलस्रोतों को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए वहां श्रमदान भी किया जाएगा।

पर्यावरण दिवस पर होगा सम्मान
स्कूल प्रबंधन एक जलस्रोत को प्लास्टिक मुक्त करने की जिम्मेदारी भी लेंगे। इसके तहत प्लास्टिक मुक्त विद्यालयों को पर्यावरण मंत्रालय हरित विद्यालय घोषित कर सम्मानित करेगा। इन गतिविधियों और आयोजन की फोटोग्राफ, प्रतिवेदन आदि ३० जून तक पर्यावरण मंत्रालय में भेजे जाएंगे, जिससे ५ जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र द्वारा संबंधित स्कूल को सम्मानित किया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो