सागरPublished: Mar 31, 2019 09:15:25 pm
sachendra tiwari
दमकल पहुंचने में देरी होने पर हो जाता हैज्यादा नुकसान
No fire extinguishing panchayat headquarters, fire brigade
बीना. ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर आग बुझाने के कोई साधन न होने के कारण आग लगने की स्थिति में शहर से दमकल गाड़ी भेजी जाती है और दमकल के पहुंचने के पहले ही बड़ा हादसा हो जाता है। घटनाओं के बाद भी इस ओर कोई पहल नहीं की जा रही है। जनप्रतिनिधि और अधिकारी चाहे तो संसाधन उपलब्ध कराए जा सकते हैं। बीना ब्लॉक में 64 ग्राम पंचायत हैं और इन पंचायतों के अंतर्गत अन्य गांव भी आते हैं। इसके बाद भी पंचायत मुख्यालयों पर आग बुझाने के लिए कोई संसाधन नहीं हैं। कुछ पंचायतों में टैंकर तो हैं, लेकिन उसमें इंजन पंप नहीं लगाए गए हैं, जिससे आग नहीं बुझाईजा सकती है। आग लगने की स्थिति में सूचना नगरपालिका में दी जाती हैऔर यहां से ग्रामीण क्षेत्र के लिए दमकल रवाना होती है। दमकल के पहुंचने तक आग के कारण बड़ी तबाही हो जाती है। क्योंकि कईगांवों की दूरी शहर से 40 किलोमीटर है।यही नहीं पूरे क्षेत्र के लिए नपा में सिर्फ दो दमकलें हैं और वह भी आग बुझाने में सक्षम नहीं हैं। इनके टैंकों में लीकेज हो गया है। छोटी दमकल गाड़ी का टैंक छोटा होने के कारण आग बुझाने के पहले ही टैंक खाली हो जाता है। कईबार बड़ी आग की घटना होने पर रिफाइनरी, जेपी से दमकल बुलानी पड़ती हैं।
गर्मी के कारण हर दिन लग रही आग
तेज गर्मी शुरू होते ही आग लगने की घटनाएं भी हर दिन सामने आ रही हैं। दो दिन में दो गांवों में आग लगने से फसल जल गई। करोंदा गांव में आग लगने की सूचना नपा में दी थी और जब तक वहां दमकल पहुंची थी तब तक फसल जल चुकी थी और लोगों ने ही आग पर काबू पा लिया था।
टैंकर हैं पंचायतों में
पंचायतों में टैंकर हैं, लेकिन उनमें इंजन पंप लगाने का कोईप्रावधान नहीं है। ग्रामीण टैंकर का उपयोग आग बुझाने में कर सकते हैं।
सुरेन्द्र साहू, सीईओ, बीना