रीजनल पासपोर्ट अधिकारी रश्मि बघेल ने बताया कि विभाग ने देखा कि कई बार आवेदक के पास संबंधित व्यक्तियों की जानकारी के बगैर उनका नाम, नंबर लोकल रिफरेंस डिटेल में दे देते थे लेकिन वेरिफिकेशन के वक्त वह रिफरेंस से इंकार कर देते थे। ऐसे में आवेदक को एडवर्स पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट का सामना करना पड़ता था। मंत्रालय की ओर से किए गए इस बदलाव से आवेदकों को राहत मिली है।
यह नियमों में भी हो चुका है बदलाव
अनरिजस्टर्ड रेंट एग्रीमेंट और पोस्टपेड मोबाइल बिल भी एड्रेस प्रूफ के तौर पर मान्य
पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्म प्रमाणपत्र की बाध्यता खत्म
8 से कम और 60 साल से ज्यादा के आवेदकों की फीस में 10 फीसदी छूट
आवेदक सिर्फ एक अभिभावक या लीगल गार्जियन का नाम दे सकते हैं
विवाह प्रमाणपत्र या तलाक की डिक्री देना अनिवार्य नहीं होगा
सरकारी वरिष्ठ कर्मचारी को एनओसी देने की जरूरत नही