नियमों की हो रही अनदेखी, इसे लगाने की शर्त पर दी जाती है मकान बनाने की परमिशन
सागर
Updated: April 25, 2022 09:08:52 pm
बीना. बारिश से पहले गर्मियों में जलस्तर बढ़ाने, संरक्षण और संवर्धन केे नाम पर अभियान हर साल चलाया जाता है। लेकिन सरकारी विभाग और अधिकारी अपने ही मकान, बंगला में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग रिचार्जिंग सिस्टम नहीं लगवा रहे। ऐसे में कई सरकारी भवन जिनमें भवनों की छतों से बारिश का पानी नालियों से बह जाता है उसे जमीन के अंदर नहीं उतारा जाता है। इस कारण से भी जलस्तर नहीं बढ़ाया जा पाता है। गांव में लोगों को पानी बचाने के लिए अभियान चलाया जाता है तो वहीं शहरों में मकानों के निर्माण के पहले यह एनओसी में रिचार्जिंग सिस्टम की अनिवार्यता है। निजी भवनों के मालिक भी अनदेखी कर रहे है। मकानों के साथ शहर मे स्थिति बहुमंजिला भवनों के आगे-पीछे दीवारों से सटकर सोखता गड्ढें तक नहीं बने हैं। नालियों से पानी की बर्बादी होती है। नालों से निस्तार के पानी के साथ बारिश का पानी भी नालियों में बह जाता है।
इन दफ्तरों में नहीं सिस्टम
शहर के अधिकांश सरकारी दफ्तरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है। यही कारण है गर्मियों में कई जगहों पर जलस्रोत सूखने लगते है। यदि हम शहर के सरकारी भवनों की बात करें तो यहां पर पूरी बिल्डिंग का पानी नालियों के माध्यम से बह जाता है। जनपद पंचायत ऑफिस की बिल्डिंग का पानी भी नालियों में बह जाता है। इसके अलावा सिविल अस्पताल, पुलिस थाना, कृषि कार्यालय, बीआरसी ऑफिस, बीइओ ऑफिस, महिला बाल विकास विभाग में भी यही हाल है। जबकि नपा के लिए इन कार्यालयों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने पर जोर देना चाहिए।
पांच प्रतिशत घरों में भी नहीं वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
सरकारी दफ्तरों में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होना तो दूर की बात जो लोग नपा से एनओसी लेकर शहर में मकान बना रहे हैं वह भी वॉटर रिचार्जिंग सिस्टम लगाने पर ध्यान नहीं दे रहे है। जिसके कारण दिनों दिन शहर में जलस्तर गिरता जा रहा है। शहर में यदि जांच की जाए तो पांच प्रतिशत घरों में भी वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा नहीं मिलेगा।
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