scriptअप्रत्यक्ष चुनाव के 9 अध्यक्षों में एक का भी नहीं हुआ पूरा कार्यकाल | Not one of the 9 presidents of indirect election has full term | Patrika News

अप्रत्यक्ष चुनाव के 9 अध्यक्षों में एक का भी नहीं हुआ पूरा कार्यकाल

locationसागरPublished: Sep 27, 2019 01:03:02 am

Submitted by:

vishnu soni

रहली नपा गठन के 45 वर्षो में मिले 13 अध्यक्ष

अप्रत्यक्ष चुनाव के 9 अध्यक्षों में एक का भी नहीं हुआ पूरा कार्यकाल

अप्रत्यक्ष चुनाव के 9 अध्यक्षों में एक का भी नहीं हुआ पूरा कार्यकाल

रहली. नगरपालिका रहली का गठन वर्ष 1974 में हुआ था और अब तक 45 वर्षो में नपा को 13 अध्यक्ष मिल चुके है, वर्तमान कार्यकाल अपने अंतिम पडाव पर है और कुछ महीनों में 14वें अध्यक्ष के लिए चुनाव होगें। शासन द्वारा इस बार अध्यक्ष का चुनाव सीधे जनता से ना कराकर पाषर्दो द्वारा चुने जाने का फैसला लिया है। वर्ष 2000 के पहले भी इसी अप्रत्यक्ष प्रणाली से नगरपालिका अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाता था। सरकार बदली तो रीति निति भी बदली और एक बार फिर उसी प्रणाली को लागू कर दिया गया।

रहली नपा का इतिहास
नपा का इतिहास काफी रोचक रहा है। इन 45वर्षो में बहुत कुछ बदला। मनोनीत अध्यक्ष, कार्यवाहक अध्यक्ष, प्रशासक एवं निर्वाचित अध्यक्ष रहली नपा को मिले है। वर्ष 1974 से 2000 तक 9 अध्यक्ष रहे, जिनमें एक भी अपना कार्यकाल पूरा नही कर पाया। राजनैतिक जानकार अनूप ददरया ने बताया कि शुरूआत में बालाजी भट्ट को शासन द्वारा प्रथम अध्यक्ष के रूप में मनोनीत किया गया था, जो केवल 6माह ही रहे और त्यागपत्र दे दिया।
कार्यवाह अध्यक्ष के रूप में नन्हेलाल नायक अध्यक्ष बने और दो वर्ष अध्यक्ष रहे। शासन द्वारा फिर से प्रथम अध्यक्ष के पुत्र विनोद भट्ट को मनोनीत किया, लेकिन ये भी 5माह ही चले और एक बार फिर कार्यवाहक अध्यक्ष नन्हेलाल नायक बनाए गए। एक वर्ष के लिए प्रशासन नियुक्त किया गया और वर्ष 1978 में चुनाव हुए, जिसमें जनता पार्टी के 6, कांग्रेस के 5 एवं 1 पार्षद निर्दलीय चुन कर पहुचें।
अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग हुई और जनता पार्टी के उम्मीदवार नारायण राव मुले निर्वाचित अध्यक्ष चुने गए। लेकिन दो वर्ष बाद ही अविश्वास प्रस्ताव पारित हुआ और उन्हे पद छोडना पडा,परिषद द्वारा गैर पार्षद रहे सुशील हजारी के पक्ष में वोट किया और उन्हे अध्यक्ष बनाया।जिसके बाद करीब 10वर्ष तक प्रशासक रहे। वर्ष 1995 के चुनाव में एक बार फिर पार्षदो ने सुशील हजारी को अपना अध्यक्ष चुना, लेकिन 1 वर्ष बार नपा भवन तोडने को लेकर कलेक्टर से मनमुटाव के कारण उन्होने त्यागपत्र दे दिया और उपाध्यक्ष शशि जैन को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया। इसी कार्यकाल में पुन: 1997 में हजारी अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
वर्ष 2000 में जनता ने चुना अपना अध्यक्ष
शासन द्वारा नपा में प्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली लागू की और जनता के द्वारा ही पार्षद व अध्यक्ष का निर्वाचन किया गया। रहली नपा में सबसे पहले प्रत्यक्ष जनता से चुने अध्यक्षो में सुशील हजारी रहे, इसके बाद रूपरानी नायक, सौरभ हजारी और वर्तमान अध्यक्ष रेखा ब्रजेश हजारी शामिल है। एक बार फिर कांग्रेस शासन द्वारा अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली लागू की गई है। अब पुन: पार्षदो द्वारा अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। पहले नपा रहली अंतर्गत 12वार्ड बनाए गए थे, जो आगे चलकर 15 किए गए, लेकिन विगत 30 वर्षो से किसी भी प्रकार का परिसीमन एवं वार्ड वृद्वि नही की गई है। जबकि मतदाताओ ंकी संख्या का काफी इजाफा हुआ है। वर्ष 2011 की जनगणना के हिसाब से नगर की जनसंख्या 30329 है, जबकि अभी वास्तविक स्थति में यह दो गुनी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो