महाविद्यालय में लायब्रेरी तो है, लेकिन छात्र-छात्राओं को उसमें बैठकर पुस्तकों का अध्ययन करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है। भौतिक शास्त्र जैसे महत्वपूर्ण विषय के प्रोफेसर का पद भी रिक्त है।
वाणिज्य संकाय भी अतिथि शिक्षकों के भरोसे है। अन्य विषयों की कक्षाएं भी नियमित नहीं लगतीं। छात्र-छात्राओं की स्कूल बस प्रारंभ करने की मांग वर्षों पुरानी है। पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बस सेवा के लिए प्रयास भी किए, लेकिन बस सेवा प्रारंभ नहीं हो पाई। छात्राओं को निजी साधनों, पैदल, ऑटो या बीना की ओर जा रही बसों से महाविद्यालय पहुंचना पड़ता है। कई बार छात्राएं रास्ते में छेड़छाड़ का शिकार हो चुकी हैं।
कॉलेज परिसर में वर्षों से कन्या छात्रावास का भवन तो बना है, लेकिन वह अभी तक प्रारंभ नहीं हो पाया है। ग्रामीण क्षेत्र से आने वाली छात्राओं को या तो अपडाउन करना पड़ता है या शहर में किराए का मकान लेकर रहना पड़ता है।
कॉलेज का पहुंच मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है। वाहनों का तो क्या पैदल चलना भी मुश्किल है। 15 वर्ष पूर्व सीसी सड़क बनवाई गई थी जो पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
वल्र्ड बैंक से प्रदेश के 100 कॉलेजों को सुविधाओं के विस्तार हेतु राशि मिलना है, इसमें खुरई महाविद्यालय का भी नाम है। प्रस्ताव बनवाकर भेजा जा रहा है। राशि मिलते ही मैदान व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। कॉलेज परिसर में असिस्टेंट प्रोफेसर व अन्य स्टाफ के निवास नहीं बने हैं इस वजह से छात्राओं की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए गल्र्स हॉस्टल प्रारंभ नहीं कराया जा रहा है।
अजयसिंह ठाकुर, प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय खुरई