सागर

अब ब्लड कंपोनेंट के लिए मरीजों को नहीं पड़ेगा भटकना, एक ब्लड से तीन मरीजों को मिलेगा फायदा

-जिला अस्पताल में तीन करोड़ की लागत से शुरू होगी ब्लड सेपरेशन यूनिट।-अस्पताल प्रबंधन ने दो जगह पर यूनिट शुरू करने का शासन को दिया प्रपोजल
 

सागरMar 23, 2023 / 11:45 am

आकाश तिवारी

Now patients will not have to wander for blood component, three patients will get benefit from one blood

दमोह. जिला अस्पताल में अब ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट लगने जा रही है। इसकी तैयारी चल रही है। सब कुछ ठीक रहा तो इस साल यह सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी। बता दें कि अभी अस्पताल में सिर्फ ***** ब्लड देने की सुविधा है। इसके अलग-अलग कंपोनेंट के लिए कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट नहीं है। इस सुविधा के शुरू होने से एक ब्लड यूनिट से चार मरीजों को लाभ मिल सकेगा।
यूनिट लगने से ब्लड बैंक में प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और पीआरबीसी उपलब्ध रहेगा। इस यूनिट के लिए जिला अस्पताल में दो स्थानों को चुना गया है। इनमें ब्लड बैंक के पीछे खाली जगह और कोल्ड स्टोरेज सेंटर के पास की जगह शामिल हैं। इनमें से एक जगह पर यह यूनिट शुरू होगी।
बता दें कि जिले में अभी तक कोई ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट नहीं है। इसके चलते मरीजों को प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और पीआरबीसी के लिए निजी ब्लड बैंक जाना पड़ता था।
-सागर में है यह सुविधा…
शासन की ओर से सभी जिलों में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सागर छोड़कर अभी कहीं पर भी ब्लड बैंक की सुविधा शुरू नहीं हुई है। छतरपुर जिले में यह सुविधा हालही में शुरू होना बताई गइ्र्र है। व्यक्ति के खून में प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और पैक्ड रेड ब्लड सेल्स जैसे कंपोनेंट होते हैं। इन्हें अगल-अलग कर कई मरीजों को लाभ पहुंचाया जा सकता है। निजी लैब सेे इन तीनों सेल्स को लेने के लिए मरीजों को मोटी रकम चुकानी पड़ती है।
यह होगा फायदा
-थैलेसिमिया से पीडि़त मरीजों को आरबीसी यानी पैक सेल ही कंपोनेट के जरिए मिलेंगे।
-डेंगू वाले मरीज को प्लेटलेट्स मिलेंगे।
-वर्न केस वालों को प्लाजमा ही दिया जाएगा।
-कैंसर वाले मरीजों को डब्ल्यूबीसी कंपोनेंट ही दिया जाएगा।
-खून की कमी वाली प्रसूताओं को पैक सेल कंपोनेंट मिलेगा।
-होल ब्लड चढ़ाने से यह है नुकसान
विशेषज्ञों की माने तो ***** ब्लड में ४०० एमएल ब्लड होता है। इतनी मात्रा में मरीजों को लगाने पर हार्ट पर फर्क पड़ता है। वहीं, ब्लड में मौजूद प्लाज्मा और आरबीसी कंपोनेंट से मरीज में संक्रमण तेजी से फैलता है।
-३ करोड़ खर्च होंगे यूनिट शुरू होने में
जानकारी के मुताबिक ब्लड सेपरेशन यूनिट के शुरू होने में करीब ३ करोड़ रुपए का खर्च आएगा। हालांकि नई कंपोनेंट नीति के हिसाब से अब सभी जिला अस्पतालोंं में यह यूनिट शुरू होना है, जिसकी तैयारी की जा रही है।
वर्शन
१५ दिन पहले ही ब्लड सेपरेशन यूनिट के संबंध में शासन से पत्र आया है। हमने स्थान चयनित कर लिए हैं और इसकी जानकारी शासन को भेज दी है। उम्मीद है कि इस साल यह सुविधा मरीजों के लिए शुरू हो जाएगी।
राजेश नामदेव, सिविल सर्जन दमोह

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