राजघाट से अब सप्लाई हो रहा मटमैला पानी
पूर्व में तीन महीने तक नहीं मिला राजघाट से पर्याप्त पानी, जब राजघाट में पानी आया तो बिना उचित ट्रीटमेंट के किया जा रहा सप्लाई, 6 लाख लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़, बांध पर तैनात नहीं है एक भी कैमिस्ट
सागर. राजघाट बांध बरसात के मौसम में भी शहरवासियों के लिए परेशान बना हुआ है। गरमी के मौसम में करीब तीन महीनों तक शहरवासियों को पेयजल के लिए जूझना पड़ा। अब बारिश में जब राजघाट में पर्याप्त पानी आया तो उसका नगर निगम प्रशासन सही तरीके से ट्रीटमेंट नहीं करवा पा रहा है। आलम यह है कि राजघाट के नलों से मटमैला व दूषित पानी सप्लाई हो रहा है। इसके साथ ही पेयजल परियोजना में ज्यादा या कम मात्रा में एलम का उपयोग किए जाने के कारण पानी से बदबू भी आ रही है।
अफसर आए-गए लेकिन नहीं दे पाए एक कैमिस्ट
जिस बांध का पानी करीब 6 लाख की आबादी पीने में उपयोग कर रही है वहां पर एक भी कैमिस्ट नहीं है। यह अव्यवस्था पांच साल से ज्यादा समय से चली आ रही है। इस समयावधि में करीब आधा दर्जन कलेक्टर, चार निगमायुक्त समेत अन्य अधिकारी आए और गए लेकिन राजघाट में एक कैमिस्ट की नियुक्ति नहीं करवा पाए। महापौर अभय दरे की परिषद की भी यह सबसे बड़ी असफलताओं में से एक असफलता है।
फैक्ट फाइल
- 3.25 लाख है शहर की जनसंख्या
- 1.25 लाख है मकरोनिया क्षेत्र की जनसंख्या
- 1 लाख से ज्यादा है कैंट क्षेत्र की जनसंख्या
शहरवासी बोले
- नलों से मटमैला पानी निकलने का सीधा व स्पष्ट मतलब है कि प्लांट पर पानी का ट्रीटमेंट सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। इससे लोगों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। निगम प्रशासन को इस मामले में गंभीरता बरतनी चाहिए।
- एड. अशोक तिवारी, मनोरमा कॉलोनी
- मकरोनिया क्षेत्र में गरमी के मौसम में 8-8 दिनों के अंतर से राजघाट का पानी मिला है। अब एक-एक दिन छोड़कर पानी तो आ रहा है लेकिन वह पूरी तरह से गंदा है। पानी देखकर उसे पीने की कोई हिम्मत नहीं कर सकता है।
- सिद्धार्थ पचौरी, मकरोनिया
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