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नवरात्र में दिख रहा भक्तों का उत्साह, इसी माह दशहरा, करवा चौथ, धनतेरस और मनेगा दीपावली का त्योहार

locationसागरPublished: Oct 03, 2019 12:19:12 pm

– पर्वों की तैयारी में जुटे शहरवासी

सागर.नवरात्रि पर पूरा शहर दुल्हन की तरह सजा है। भक्त मां दुर्गा की भक्ती कर रहे हैं। नौ दिनों तक माता के अलग-अलग स्वरूपों के दर्शन भक्तों को मिल रहे हैं। गरबा के माध्यम से मां दुर्गा की आरधना की जा रही है। नवरात्रि से लगभग एक महीने तक त्योहारों की ही धूम रहती है। अक्टूबर में ही दशहरा, करवा चौथ, धनतेरस और दीपावली का त्यौहार भी है इसकी रौनक अभी से दिखने लगी है। लोग भी पर्वों की तैयारी कर रहे हैं।

दुर्गा विसर्जन
दुर्गा विसर्जन 8 अक्टूबर मंगलवार के दिन है। नवरात्रि का समापन दुर्गा विर्सजन के साथ होता है। दुर्गा विसर्जन का मुहूर्त प्रात:काल या अपराह्न काल में विजयादशमी तिथि लगने पर शुरू होता है। इसलिए प्रात: काल या अपराह्न काल में जब विजयादशमी तिथि व्याप्त हो, तब मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाना चाहिए। पं. मनोज तिवारी ने बताया कि यदि श्रवण नक्षत्र और दशमी तिथि अपराह्न काल में एक साथ व्याप्त हो, तो यह समय दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

दशहरा
इस साल 8 अक्टूबर मंगलवार को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। दशहरा पर्व अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार इसी दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। कुछ स्थानों पर इस त्यौहार को विजयादशमी के रूप में भी जाना जाता है।

करवा चौथ
इस साल करवा चौथ गुरुवार 17 अक्टूबर को है। करवा चौथ प्यार और उत्साह का त्योहार है और हर महिला के लिए बहुत पूजनीय होता है। पं. शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि करवा चौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश के साथ चंद्रमा की भी पूजा करने का विधान है। इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति के लिए व्रत रखती है। यह निर्जला व्रत होता है और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति को छलनी में दीपक रख कर देखा जाता है। इसके बाद पति जल पिलाकर पत्नी के व्रत को तोड़ता है।

धनतेरस
धनतेरस का पर्व कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। धनतेरस का पर्व 25 अक्टूबर शुक्र वार को मनाया जाएगा। धनतेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे तो उस समय उनके हाथ में अमृत कलश था। इसी वजह से धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस के त्योहार से ही दीपावली की शुरुआत होती है।

दीपावली
हिंदू धर्म में दीपावली का विशेष महत्व है। 27 अक्टूबर रविवार के दिन दीपावली और लक्ष्मी पूजा का पर्व मनाया जाएगा। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। अगले दिन यानी 28 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा है। इस दिन गाय की पूजा की जाती है। इसके बाद 29 अक्टूबर को भैया दूज है। भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित पर्व है, जिसे बड़ी श्रद्धा और परस्पर के साथ हिन्दूओं में मनाया जाता है।

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