script३३ में से सिर्फ १५ विशेषज्ञ, चार में तो एक भी नहीं हुआ वर्षों बाद भी तैनात | Only 15 out of 33 specialists, not even one in four has been posted ev | Patrika News

३३ में से सिर्फ १५ विशेषज्ञ, चार में तो एक भी नहीं हुआ वर्षों बाद भी तैनात

locationसागरPublished: Mar 18, 2023 11:30:31 am

-जिला अस्पताल के कायाकल्प पर करोड़ों हो रहे खर्च, विशेषज्ञों की कमी पर शासन-प्रशासन मौन।-७ साल में अस्पताल की बदली सूरत, पर पर मरीजों मिल रहा सिर्फ प्राथमिक इलाज
 
 

Only 15 out of 33 specialists, not even one in four has been posted even after years

Only 15 out of 33 specialists, not even one in four has been posted even after years

दमोह. जिला अस्पताल में वैसे तो सभी क्लीनिकल विभागों में विशेषज्ञों की काफी कमी है। यहां पर चार विभाग ऐसे हैं, जिसमें एक भी विशेषज्ञ नहीं है। इस कमी को दूर करने के लिए शासन स्तर से भी कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि अस्पताल के कायाकल्प पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए जा रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों की तैनाती को लेकर जिम्मेदारों का सिर्फ एक ही रटा रटाया जवाब होता है कि प्रपोजल भेजा गया है। शासन को ही नियुक्ति करना है। विशेषज्ञ न होने से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
जिन चार विभागों की हम बात कर रहे हैं। उनमें डेंटल, टीबी एंड चेस्ट, रेडियोलॉजिस्ट और मनो रोग विभाग हैं। जानकारी के अनुसार इस विभागों की ओपीडी में हर रोज औसतन १०० से ज्यादा मरीज इलाज कराने आ रहे हैं। इनमें से कुछ मेडिकल ऑफिसर से इलाज करा रहे हैं। वहीं, अन्य गंभीर मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं।
-एक्सरे मशीन खराब होना बताकर लौटा दिया दांत के मरीज को
दंत विभाग में शुक्रवार को बिलवारी वार्ड बजरिया नंबर-२ निवासी बंटी रैकवार अपने दांतों का इलाज करने के लिए गया हुआ था। यहां पर मेडिकल ऑफिसरों ने उसे यह कहकर जाने को कहा कि दांतो की एक्सरे मशीन खराब है। मरीज का कहना है कि कुछ दिन पहले उसने दांत निकलवाया था। अब उसमें पस बनने लगी है, लेकिन डॉक्टर अब इलाज नहीं कर रहे हैं। पीडि़त ने १८१ में भी इसकी शिकायत दर्ज कराई है।
-२ विशेषज्ञों पर सैकड़ों बीमार बच्चों की जिम्मेदारी
इन दिनों एच-३एन-२ वायरस सक्रिय है। इसके लक्षण सामान्य फ्लू से कहीं ज्यादा है। विशेषज्ञों के मुताबिक २ साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यह वायरस खतरनाक है। यहां जिला अस्पताल में बच्चों के इलाज के लिए मात्र २ विशेषज्ञ है। यही दोनों डॉक्टरों पर एसएनसीयू, पीआईसीयू और बच्चा वार्ड में भर्ती बच्चों के इलाज की जिम्मेदारी है। बता दें कि शिशु रोग विभाग की रोज की ओपीडी में करीब १२० के आसपास बीमार बच्चे इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं।
-यह है जिला अस्पताल में विशेषज्ञों की स्थिति
पदनाम स्वीकृत भरे रिक्त
चिकित्सा विशेषज्ञ ०३ १ ०२
शल्य किया विशेषज्ञ ०२ १ ०१
स्त्री रोग विशेषज्ञ ०४ २ ०२
शिशु रोग विशेषज्ञ ०७ २ ०५
निश्चेतना विशेषज्ञ ०३ १ ०२
नेत्र रोग विशेषज्ञ ०२ २ ००
पैथालाजिस्ट ०२ २ ००
अस्थि रोग विशेषज्ञ ०२ २ ००
ईएनटी विशेषज्ञ ०२ १ ०१
-इन विभागों में एक भी नहीं विशेषज्ञ
रेडियोलाजिस्ट ०२ ० ०२
दंत रोग विशेषज्ञ ०१ ० ०१
मनोरोग विशेषज्ञ ०१ ० ०१
क्षय रोग विशेषज्ञ ०१ ० ०१

वर्शन

शासन को विशेषज्ञों की कमी के संबंध में अवगत करा चुका हैं। दोबारा पत्र लिखकर विशेषज्ञों की मांग करेंगे।
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डॉ. राजेश नामदेव, सिविल सर्जन
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