सागरPublished: Jul 11, 2020 07:31:38 pm
anuj hazari
व्यापारियों ने राखी के अलावा चीनी खिलौनों को कहा न
Only Rakhi Rakhi will be seen on the wrist of this Rakshabandhan brothers
बीना. भाई-बहन के अटूट बंधन रक्षाबंधन पर इस वर्ष भाइयों की कलाई पर चायनीज नहीं बल्कि देशी राखी नजर आएंगी। इसके लिए दुकानदारों द्वारा अभी से जो बुङ्क्षकग की जा रही है उसमें खास तौर पर यह कहा जा रहा है कि राखी के अलावा भी अन्य सामान चायनीज न हो। लोगों द्वारा चीन के विरोध में वहां से निर्मित सामान को न कहा है इसलिए व्यापारी भी इसमें किसी भी प्रकार का रिस्क उठाना नहीं चाहते हैं। इस बार चायनीज सामान का विरोध होने के कारण देशी सामान की डिमांड ज्यादा रहेगी। देशी सामान के साथ दुकानदारों ने थोक विक्रेताओं से इस प्रकार की राखियों की मांग की है, जिसमें कोई न कोई संदेश सामाज के लिए राखी के माध्यम से दिया जा सके। वहीं दूसरी ओर कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा भी इस बार हाथ से राखी बनाने को लेकर प्रेरित किया जा रहा है, ताकि चीनी सामान को खरीदने के लिए किसी को जरूरत न पड़े।
प्लास्टिक की राखियों का बढ़ गया था चलन
पिछले वर्षों में चायनीय राखियों के कारण बाजार में प्लास्टिक युक्त राखियों का चलन बढ़ गया था, लेकिन इस बार बाजार से प्लास्टिक युक्त राखियां गायब हैं और दुकानदारों ने भी इनकी डिमांड नहीं रखी है। प्लास्टिक की राखियों से पर्यावरण प्रदूषण करने का काम भी हम सभी कर रहे थे।
चायनीज खिलौना भी नहीं बिकेंगे
कच्चा रोड पर जनरल स्टोर चलाने वाले संजय सिंघई ने बताया कि चायनीज सामान को नहीं बेचने के उद्देश्य के बाद इस वर्ष राखियां और खिलौने चायनीज नहीं मंगाए हैं। पुराना जो भी सामान चायनीज था उसे छोड़कर नए सामान में डिमांड चायनीज सामान की नहीं रखी है। उन्होंने बताया कि चायनीज राखी की तुलना में देशी राखी आकर्षक और क्वालिटी वाली होती हैं। केवल रेट कम होने के कारण चायनीज सामान ने अपनी जगह बना ली।