एेसी होगी दिनचर्या
जेलर मदन कमलेश ने बताया खुली जेल में बंदियों को पहरे के बीच नहीं रहता पड़ेगा। वे अपनी कुटी में परिसर में उतना समय सामान्य रूप से बिता सकेंगे जितनी उनकी सजा शेष रह गई है। रोजगार की तलाश करने के बाद वे सुबह काम पर जाएंगे और निर्धारित समय पर शाम को वापस अपने घर आ जाएंगे।
खुली जेल में रहेंगे उज्जैन, इंदौर व ग्वालियर के बंदी
खुली जेल में जघन्य अपराध के चलते आजीवन कारावास की सजा काट रहे एेसे बंदियों को रखा जाएगा जिनकी एक-तीन साल की सजा ही शेष रह गई है और उनके आचरण में सुधार आया है। पहले चरण के लिए उज्जैन के 4, इंदौर व ग्वालियर के 2-2 बंदियों को खुली जेल में सपरिवार बसाया गया है। जल्द ही यहां भोपाल केंद्रीय जेल से 4 बंदियों को लाया जाएगा।