scriptअपनों के साथ कुटी में रहेंगे 12 बंदी, महीनेभर का मिला राशन, इतने दिन में तलाशेंगे रोजगार | Opening Gel Formal Opening sagar | Patrika News

अपनों के साथ कुटी में रहेंगे 12 बंदी, महीनेभर का मिला राशन, इतने दिन में तलाशेंगे रोजगार

locationसागरPublished: Sep 22, 2018 09:40:22 am

खुली जेल का औपचारिक उद्घाटन : केंद्रीय जेल परिसर स्थित प्रशिक्षण गृह का बदला स्वरूप

Opening Gel Formal Opening sagar

Opening Gel Formal Opening sagar

सागर. जघन्य अपराध के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे बंदियों को समाज की मूलधारा में जोडऩे के उद्देश्य से शुक्रवार से खुली जेल शुरू कर दी गई। प्रशिक्षण केंद्र को खुली जेल के रूप में बदलते हुए उसे वीर मधुकर शाह का नाम दिया गया है।
यहां पहले चरण में 12 बंदियों को परिजनों के साथ पहरे के बाहर रहकर जीवन-यापन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। शुक्रवार को जिला न्यायधीश, कलेक्टर और एसपी की मौजूदगी में केंद्रीय जेल की खुली कॉलोनी में उज्जैन, इंदौर और ग्वालियर के ८ बंदियों को परिवार सहित बसाया गया है। जल्द ही भोपाल से 4 बंदियों को उनके परिजनों सहित यहां शिफ्ट कराया जाएगा। कृष्ण जन्माष्टी के अवसर पर 3 सितम्बर को मुख्यमंत्री ने भोपाल केद्रीय जेल में आयोजित समारोह के दौरान प्रदेश में खुली जेलों का ई-लोकार्पण किया था।
इसी के तहत सागर केंद्रीय जेल परिसर में स्थित प्रशिक्षण केंद्र को खुली जेल के रूप में विकसित कर शुक्रवार को जिला न्यायधीश सुनील शर्मा, कलेक्टर आलोक कुमार ङ्क्षसह और एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल की मौजूदगी में फीता काटकर शुभारंभ किया गया। आजादी की लड़ाई में शामिल रहकर अंग्रेजों के विरुद्ध लडऩे वाले वीर मधुकरशाह के नाम पर खुली जेल का नामकरण किया गया है।
यहां १२ कुटी तैयार की गई हैं जिनमें प्रत्येक में दो कमरे, टॉयलेट हैं। बंदियों को परिवार सहित रहने के लिए एक माह का राशन, गैस सिलेण्डर, पलंग आदि उपलब्ध कराए गए हैं। जेलर मदन कमलेश के अनुसार बंदी खुली जेल में अपने परिजनों के साथ रहते हुए जीवन यापन कर सकेंगे। जेल की सलाखों से बाहर रहकर परिवार चलाने रोजगार तलाशने के लिए एक माह का समय देते हुए उन्हें राशन भी उपलब्ध कराया गया है, ताकि वे एक माह में रोजगार की तलाश कर लें।

एेसी होगी दिनचर्या
जेलर मदन कमलेश ने बताया खुली जेल में बंदियों को पहरे के बीच नहीं रहता पड़ेगा। वे अपनी कुटी में परिसर में उतना समय सामान्य रूप से बिता सकेंगे जितनी उनकी सजा शेष रह गई है। रोजगार की तलाश करने के बाद वे सुबह काम पर जाएंगे और निर्धारित समय पर शाम को वापस अपने घर आ जाएंगे।

खुली जेल में रहेंगे उज्जैन, इंदौर व ग्वालियर के बंदी
खुली जेल में जघन्य अपराध के चलते आजीवन कारावास की सजा काट रहे एेसे बंदियों को रखा जाएगा जिनकी एक-तीन साल की सजा ही शेष रह गई है और उनके आचरण में सुधार आया है। पहले चरण के लिए उज्जैन के 4, इंदौर व ग्वालियर के 2-2 बंदियों को खुली जेल में सपरिवार बसाया गया है। जल्द ही यहां भोपाल केंद्रीय जेल से 4 बंदियों को लाया जाएगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो