सागरPublished: Aug 23, 2019 08:20:20 pm
sachendra tiwari
काली और हरी इल्ली कर रही फसलें चट
Outbreak of pests on crops
बीना. पिछले दिनों हुई तेज बारिया का असर फसलों पर पड़ा है और अब फसल पर कीटों का प्रकोप बढऩे लगा है। सोयाबीन की फसल को इल्ली चट कर रही है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
इस वर्ष बोवनी के बाद से ही खरीफ फसल पर मौसम का प्रभाव देखने मिल रहा है। पहले बारिश देरी से होने के कारण बीज खराब हो गया था और अब फिर लगातार बारिश के कारण फसलें पीली पडऩे लगी थीं। इसके बाद अब कीटों का प्रकोप बढ़ रहा है। सोयाबीन पर इल्ली का प्रकोप दिखने लगा है। इल्ली पत्ते और पौधे काट रही है। फसलों को बचाने के लिए किसान कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं।
लगातार करें निरीक्षण
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार फसल को इल्ली से बचाने के लिए किसान लगातार फसलों का निरीक्षण करें। यदि फसल में इल्ली दिखे तो कृषि विभाग के अधिकारियों से सलाह लेकर उसमें दवाओं का छिड़काव करें। यदि किसान द्वारा जागरूकता नहीं दिखाई गई तो इल्ली फसल को बर्बाद कर सकती है।
कृषि विभाग में नहीं कीटनाशक दवा
फसलों में बढ़ते इल्ली के प्रकोप को रोकने के लिए कीटनाशक दवा की जरूरत है, लेकिन वर्तमान में कृषि विभाग के पास दवा नहीं है, जिससे अब किसान मजबूरन बाजार सें महंगे दामों पर दवा खरीद रहे हैं। यदि कृषि विभाग से दवा मिलती तो किसानों को अनुदान राशि भी मिलती।
उड़द फसल बारिश में हुई खराब
इस वर्ष किसानों को अब सोयाबीन की फसल से ही उम्मीद है, क्योंकि उड़द की ज्यादातर फसल बारिश में खराब हो गई है। यदि अब सोयाबीन की फसल प्रभावित होती है तो किसानों को परेशानी होगी।
दवाओं का करें छिड़काव
अभी बारिश खुली है और दवाओं का छिड़काव करने के लिए मौसम अनकूल है। किसान ट्राइजोफास, प्रोफीनो फास्ट सहित अन्य बाजार में मिलने वाली कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं। कृषि विभाग में कीटनाशक दवाएं पिछले दो वर्षों से नहीं आ रही हैं।
राकेश परिहार, आरएइओ, बीना