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पृथ्वी का सुरक्षा कवज है ओजोन परत , इसे बचाने के लिए आगे आ रहे हैं पर्यावरण प्रेमी

धरती पर जीवन के लिए प्राकृतिक संपदा को बनाए रखना जरूरी है, अपने स्वार्थ की वजह से हम इसका दोहन कर रहे हैं। यही कारण है हम ग्लोवल वार्मिंग का शिकार हो रहे हैं।

सागरMar 24, 2021 / 11:41 pm

Atul sharma

ओजोन परत है पृथ्वी का सुरक्षा कवज, इसे बचाने के लिए आगे आ रहे हैं पर्यावरण प्रेमी

ओजोन परत है पृथ्वी का सुरक्षा कवज, इसे बचाने के लिए आगे आ रहे हैं पर्यावरण प्रेमी


सागर.धरती पर जीवन के लिए प्राकृतिक संपदा को बनाए रखना जरूरी है, अपने स्वार्थ की वजह से हम इसका दोहन कर रहे हैं। यही कारण है हम ग्लोवल वार्मिंग का शिकार हो रहे हैं। पूरे विश्व में गर्मियां लंबी हो रही हैं, सर्दियां छोटी। यदि हम अभी न चेते तो स्थितियां और बिगड़ जाएगी। ओजोन परत हमारी सुरक्षा क वज है और पर्यावरण प्रदुषण पृथ्वी पर जीवन के लिए घातक हो सकता है।
डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विवि में भूर्गव शास्त्री आरपी मिश्रा ने बताया कि लगातार जल की कमी और पृथ्वी के ऊपर वनों का आवरण कम होता जा रहा है। वनों की कटाई से पर्यावरण गर्म हो रहा है। जलवायु में परिवर्तन हो रहा है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिए संकट हैं। देखने में मिल रहा है कि कभी बिना मानसून के ही पानी गिर रहा है, तो कभी मानसून में सूखा पड़ रहा है। ऐसे में हमें अपनी पृथ्वी को सहेजना होगा।
पर्यावरण बचाने कर रहे हैं पौधरोपण
नीवकंठ कॉलोनी में रहने वाले वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी सीपी शर्मा अपने व्यस्त समय के बाद ये पौधरोपण करते हैं। घर में जगह की कमी के कारण टैरेस गार्डन में 300 से अधिक पौधे लगा रखे हैं। वे धरती के संतुलन में अहम योगदान निभाने वाले पक्षियों के लिए 12 माह दाना-पानी, मिट्टी के बर्तन आदि की व्यवस्था छत और कार्यालय आदि में करते रहते हैं।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण
– ओद्यौगीकरण के बाद कार्बनड़ाई आक्साइड का उत्सर्जन पिछले सालों में कई गुना बड़ा है। इन गैसों का उत्सर्जन आम प्रयोग के उपकरणों फ्रिज, कम्प्यूटर, स्कूटर और कार आदि से है।
– इस समय विश्व में प्रतिवर्ष करोड़ों टन से अधिक प्लासटिक का उत्पादन हो रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। प्लासटिक के प्रभाव से थलीय प्राणी के साथ समुद्री प्राणी भी अछूते नहीं है।
– ग्रीन हाउस गैस भी ग्लोवल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार हैं। इनमें नाइट्रस आक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन आदि शामिल हैं।
ऐसे कम होगा प्रदुषण

खाद्य पदार्थ उगाएं
-पौधे मिट्टी को फिर से भरने में मदद करने के साथ-साथ वातावरण में ऑक्सीजन छोड़ते हैं। अपने-अपने क्षेत्र में खाद्य पदार्थ उगाने के भिन्न-भिन्न तरीके हैं। आप पौधों लगाएं।
– साइकिल चलाना पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद करने के साथ-साथ एक्सरसाइज करने के लिए भी एक बेहतर तरीका है। बाइक, कार, ऑटो, टैक्सियों से यात्रा करने पर पैट्रोल और डीजल की खपत तो बढ़ती ही है, साथ ही इन गाडिय़ों से निकलने वाले धुएं से लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है।
-घर से सामान लेने के लिए थैला लेकर निकले। पॉलीथिन के प्रयोग से पर्यावरण के साथ आपकी सेहत के लिए भी नुकसान होता है।

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