पूर्व विधायक पारुल साहू ने कसा तंज
मंत्रियों के विभागों में बंटवारे में हो रही देरी पर इस बार जिस बीजेपी नेता ने अपनी ही पार्टी पर तंज कसा है उनका नाम पारुल साहू (parul sahu) है। पारुल सागर की सुरखी सीट से विधायक रह चुकी हैं और शिवराज कैबिनेट में मंत्री बनाए गए गोविंद सिंह राजपूत को चुनाव में हरा चुकी हैं। अपने फेसबुक पेज पर पारुल साहू ने लिखा है कि ये राजनीतिक दहेज़ प्रताड़ना कहीं तलाक का कारण ना बन जाये, मेरा शीर्ष नेतृत्व से निवेदन है कि जननायक मुख्यमंत्री #शिवराज जी के प्रति आम जन में लगाव और सम्मान को इस तरह धूमिल नहीं किया जाये। उनके अनुभव, पार्टी के प्रति निष्ठा और कार्यकर्ताओं की भावना अनुरूप कोई भी निर्णय लेने के लिये आदरणीय मुख्यमंत्री जी को पूर्ण स्वतंत्रता दी जाये #political_divorce
सुरखी से विधायक रही हैं पारुल साहू
अपनी ही पार्टी पर तंज कसने वाली पारुल साहू सागर की सुरखी सीट से विधायक रह चुकी हैं। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के गोविंद सिंह राजपूत को चुनाव में हराया था। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पारुल साहू को टिकिट नहीं दिया था और गोविंद सिंह राजपूत कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर सुरखी से चुनाव जीते थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों में से एक गोविंद सिंह राजपूत को अब शिवराज कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है। ऐसे में पारुल साहू की ये पोस्ट कई मायने निकाल रही है।
पारुल बोलीं- कार्यकर्ताओं की बात रखी
पत्रिका से बातचीत में पारुल साहू ने कहा कि पोस्ट में उन्होंने कार्यकर्ता के मन की बात रखी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बार आत्मविश्वास में नहीं लग रहे हैं। मंत्रिमंडल के विस्तार और अब विभाग बंटवारे से यही संदेश गया है कि वे दबाव महसूस कर रहे हैं। ऐसे में कार्यकर्ता के मनोबल पर असर पड़ता है।