सागरPublished: Aug 19, 2019 08:58:45 pm
anuj hazari
त्योहार के बाद वापस जा रहे यात्री
Passengers risking their lives to get space in trains
बीना. त्योहार के बाद घर आए लोग अब वापस जाने लगे हैं, जिसके कारण ट्रेनों में यात्रियों की रेलमपेल से हालत खराब हैं। हाल यह है कि किसी भी ट्रेन में यात्रियों को आसानी से जगह मिल पाना तो दूर की बात ट्रेन में चढऩे के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है, जिसके कारण उन्हें परेशानी हो रही है। वहीं यात्री पटरियों पर खड़े होकर ट्रेन आने का इंतजार करते नजर आए ताकि ट्रेन आते ही वह अंदर पहुंच जाए। सोमवार को स्टेशन पर आने वाली लगभग सभी ट्रेनों में यात्री अंदर जाने का प्रयास करते नजर आए, लेकिन किसी को जगह मिली तो किसी को जगह न मिलने के कारण दूसरी ट्रेन से यात्रा करनी पड़ी। दमोह से भोपाल जाने वाली राज्यरानी एक्सप्रेस में सोमवार को जनरल कोच के अलावा रिजर्वेशन कोच में ठसाठस यात्री भरे हुए थे, जिससे सीट तक पहुंचने में भी लोगों को दिक्कत हुई। दोपहर में भोपाल जाने वाली मेमू टे्रन से यात्रा करने वाले यात्री समय से पहले स्टेशन पहुंचकर जगह बनाने की जुगत में लगे रहे। इसके बाद जैसे ही ट्रेन आई प्लेटफॉर्म पर लगने लगी तो बड़ी संख्या में यात्री दूसरी तरफ पटरियों पर जाकर खड़े हो गए ताकि प्लेटफॉर्म पर जैसे ही यात्री उतरे तो वह दूसरी तरफ से सीट पाने के लिए अंदर पहुंच जाए। इसके अलावा साबरमति एक्सप्रेस, पंजाबमेल एक्सप्रेस, कुशीनगर एक्सप्रेस, कामायनी एक्सप्रेस, अंडमान एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेनों की भी यही हालत रही।
पुलिस को दिखानी पड़ी सख्ती
भीड़ ज्यादा होने के कारण कई लोगों ने ट्रेन में बैठे यात्रियों को नीचे ही नहीं उतरने दिया और प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्री अंदर जाने लगे। स्टेशन पर भीड़ को देखते हुए जीआरपी के जवानों को सख्ती दिखानी पड़ी और ट्रेन के अंदर के यात्रियों के लिए बाहर निकाला। इसके बाद प्लेटफॉर्म पर खड़े यात्रियों को ट्रेन के अंदर जाने दिया।
महिला कोच में दिव्यांग व कोच में नहीं जगह
भीड़ होने के कारण बिना किसी शरीरिक अपंगता के बाद भी लोग दिव्यांग कोचों में कब्जा जमाए रहे वहीं पुरूष भी महिला कोच में हक जमाने में पीछे नहीं हटे। कई ट्रेनों में महिलाओं से ज्यादा पुरूष बैठे नजर आए। फिर भी आरपीएफ ने उन पर कार्रवाई नहीं की।