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आओ रोपें हरियाली, जीवन में आएगी खुशहाली

locationसागरPublished: Jul 08, 2018 04:36:26 pm

पत्रिका और वन विभाग के तत्वावधान में पंडापुरा स्थित अंध, मूक-बधिर स्कूल में पौधे रोपे गए।

patrika newspaper campaign For plantation

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सागर. पत्रिका हरित प्रदेश अभियान का आगाज रविवार से हो गया है। पत्रिका और वन विभाग के तत्वावधान में पंडापुरा स्थित अंध, मूक-बधिर स्कूल में पौधे रोपे गए। इसी तरह बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज परिसर में भी पौधों का रोपण किया गया। उधर पंडापुरा में मुख्य अतिथि सांसद लक्ष्मीनारायण यादव व विशिष्ट अतिथि विधायक शैलेंद्र जैन, कमिश्नर मनोहर दुबे, आइजी सतीश सक्सेना, कलेक्टर आलोक कुमार, महापौर अभय दरे, सीसीएफ विकास करण वर्मा, डीएफओ क्षितिज कुमार, सागर रेंजर लखनसिंह ठाकुर ने पौधरोपण किया। इसके लिए वन विभाग ने पौधों की खेप भी मौके पर पहले ही पहुंचा दी थी।

पौधों की सुरक्षा का लें संकल्प
जिले में लगातार बढ़ रहे कांक्रीट के ‘जंगल के कारण आबोहवा भी प्रभावित हो रही है। मिट्टी का क्षरण हो रहा है। भू जलस्तर लगातार गिर रहा है। तापमान में वृद्धि हो रही है तो बारिश के दिनों की संख्या भी कम हो रही है। उधर, प्रदूषण भी बढ़ रहा है। यदि पर्याप्त हरियाली होगी तो पर्यावरण सहित प्राणियों का जीवन भी सुरक्षित रहेगा। ऐसे में जरूरी है कि हम विशेष अवसरों पर पौधे रोपें, दूसरों को भी प्रेरित कर हरियाली के दूत बनें। पौधरोपण के साथ ही जरूरी है कि हम उनकी सुरक्षा का भी संकल्प लें।

औषधीय महत्व भी है पौधों का
कुदरत के दिए गए वरदानों में पेड़-पौधों का महत्वपूर्ण स्थान है। पेड़-पौधे मानवीय जीवन चक्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिकानिभाते हैं। इसमें न केवल भोजन संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ती ही होती बल्कि जीव जगत से नाजुक संतुलन बनाने में भी ये आगे रहते हैं-कार्बन चक्र हो या भोजना श्रृंखला के पिरामिड में भी ये सर्वोच्च स्थान ही हासिल करते हैं। इनकी उपयोगिता को देखते हुए इनको अनेक संवर्गों में बांटा गया है। इनमें औषधीय पौधे न केवल अपना औषधीय महत्व रखते हैं आय का भी एक जरिया बन जाते हैं। हमारे शरीर को निरोगी बनाए रखने में औषधीय पौधों का अत्यधिक महत्व होता है यही वजह है कि भारतीय पुराणों, उपनिषदों, रामायण एवं महाभारत जैसे प्रमाणिक ग्रंथों में इसके उपयोग के अनेक साक्ष्य मिलते हैं। इससे प्राप्त होने वाली जड़ी-बूटियों के माध्यम से न केवल हनुमान ने भगवान लक्ष्मण की जान बचाई बल्कि आज की तारीख में भी चिकित्सकों द्वारा मानव रोगोपचार के लिए अमल में लाया जाता है। यही नहीं, जंगलों में खुद-ब-खुद उगने वाले अधिकांश औषधीय पौधों के अद्भुत गुणों के कारण लोगों द्वारा इसकी पूजा-अर्चना तक की जाने लगी है जैसे तुलसी, पीपल, आक, बरगद व नीम इत्यादि। प्रसिध्द विद्वान चरक ने तो हरेक प्रकार के औषधीय पौधों का विश्लेषण करके बीमारियों में उपचार के लिए कई अनमोल किताबों की रचना तक कर डाली है जिसका प्रयोग आजकल मानव का कल्याण करने के लिए किया जा रहा है।

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