सागरPublished: Jun 19, 2021 08:07:04 pm
sachendra tiwari
लाखों खर्च कर कराई गई थी मरम्मत, फिर होने लगी तोडफ़ोड़
People gathered again in the sheds of the vegetable market, the shops could not reach
बीना. वर्षों बाद भी नई सब्जी मंडी में फल, सब्जी की दुकानें शिफ्ट नहीं हो पाई हैं। मंडी बनने के बाद उसमें तोडफ़ोड़ कर दी गई थी और पिछले वर्ष तत्कालीन एसडीएम ने शेडों की मरम्मत पुताई कराने पर लाखों रुपए खर्च कराए थे। डेढ़ साल बीतने के बाद अब फिर वहां तोडफ़ोड़ होने लगी है और शेडों में फिर लोगों ने डेरा जमा लिया है। जनवरी 2020 में तत्कालीन एसडीएम द्वारा सब्जी, फल की दुकानें शिफ्ट कराने के लिए मंडी के शेडों में से अतिक्रमण हटवाया गया था और मंडी को सुरक्षित करने के लिए जाली लगवाकर गेट भी लगवाए गए थे। साथ ही दुकानदारों और ग्राहकों परेशानी न हो इसके लिए समतलीकरण कराया गया था। इन सभी कार्यों पर लाखों रुपए खर्च किए गए थे, लेकिन रुपए खर्च करने के बाद उद्देश्य पूरा नहीं हो पाया है। मंडी शिफ्ट न होने के कारण वहां लोगों ने अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है। साथ ही मंडी परिसर को सुरक्षित करने के लिए लगाई गई जली जगह-जगह से तोड़ दी गई है और धीरे-धीरे गायब होती जा रही है। खाली पड़ी मंडी में असामाजिक तत्वों का भी जमावड़ा बना रहता है।
बड़ी बजरिया में परेशानी Óयादा
बड़ी बजरिया में लगने वाली सब्जी की दुकान, हाथठेलों से भीड़ एकत्रित होती है और सोशल डिस्टेंस का भी पालन हो पाता है। इसके बाद व्यापारियों ने कलेक्टर से यहां लगने वाली दुकानें, सब्जी के ठेलों को दूसरी जगह लगवाने की मांग की थी। यदि मंडी शिफ्ट हो जाए तो यह समस्या खत्म हो सकता है। बड़ी बजरिया के साथ-साथ शहर के मुख्य चौराहो, तिराहों, मुख्य सड़क के किनारे ठेले लगते हैं।
सुबह होती है सिर्फ नीलामी
मंडी शेड में सिर्फ सुबह बाहर से आने वाले किसानों की सब्जी नीलाम होती है। इसके बाद वहां फुटकर दुकानें कभी नहीं लगाई गई हैं। दुकानदारों की सुविधा के लिए बनाई गई मंडी सूनी पड़ी है।