दो अक्टूबर से लग रहा पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध
सागर•Aug 21, 2019 / 09:11 pm•
anuj hazari
People have trouble taking cloth bags, it is difficult to ban polythene
बीना. दो अक्टूबर से पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध लगने की घोषणा के बाद शहर के पॉलीथिन व डिस्पोजल व्यापारियों में हड़कंप है। पर्यावरण प्रदूषण को ध्यान मेें रखकर इनपर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। व्यापारी जल्द से जल्द स्टॉक में रखी पॉलीथिन की खपत करने के लिए शहर में सक्रिय हो गए हैं, ताकि बैन लगने के बाद कार्रवाई से बचा जा सके। शहर के छोटे व्यापारियों के लिए कम रेट पर पॉलीथिन दी जा रही है जिसे दुकानदार मार्केट में सामान रखकर उसे खपा दें। हालांकि बुजुर्ग व ग्रामीण क्षेत्रों से खरीदारी करने के लिए आने वाले लोग कपड़े का बैग अभी भी उपयोग करते हैं। बुजुर्गों का तर्क है कि पॉलीथिन का उपयोग पिछले कुछ समय ही होने लगा है पहले लोग घर से थैले में ही सब्जी व अन्य सामान लेकर आते थे, लेकिन अब परिस्थिति बदल चुकी हैं। शहर में कपड़े का बैग लेने में लोगों को शर्म आती है और घर से सब्जी, फल आदि लेने के लिए बाजार जाते हैं। सवाल यह उठता है कि पर्यावरण की परवाह किसी को नहीं है यदि लोग स्वयं ही जागरूक होकर पॉलीथिन का उपयोग कम कर देते तो निश्चित ही पर्यावरण सुरक्षित करने के लिए हम अपनी भागीदारी दे सकते थे, लेकिन लोगों को इससे कोई सरोकार नहीं है।
कई साल पहले पढ़ लिए थे दुष्परिणाम
पॉलीथिन के दुष्परिणाम कई साल पहले पढ़ लिए थे, इसके उपयोग से केवल हानि ही होती है इसलिए कभी पॉलीथिन का उपयोग नहीं करते हैं और कपड़े के थैले में ही सामान लेकर आते हैं।
एमएम पटेल, रिटायर शिक्षक
आने वाली पीढ़ी का रखना है ध्यान
आने वाली पीड़ी के लिए पॉलीथिन के कारण नुकसान हैं। इसके उपयोग से कैंसर जैसी घातक बीमारी व प्रदूषण फैल रहा है, हमारे पूर्वज भी पर्यावरण के लिए पॉलीथिन का उपयोग नहीं करते थे।
भूषण राय, बीना