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लोगों ने पूर्णाहूति में पर्ची पर बुराई लिखकर दी आहूति

locationसागरPublished: Mar 05, 2019 08:28:46 pm

Submitted by:

anuj hazari

कथा के समापन पर लोगों ने गुटखा, बीड़ी, शराब बंद करने का लिया संकल्प

People wrote evil on slip in full

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बीना. ग्राम खिमलासा में चल रहे पांच दिवसीय श्रीमद्भागवत ज्ञानयज्ञ के समापन पर अनोखा नजारा देखने को मिला। कथा के समापन पर हवन कुंड में घी-हवन सामग्री की जगह अपने जीवन में व्याप्त बुराइयों को पर्ची में लिखकर अग्नि को आहूति दी। इस दौरान किसी ने हवन कुंड में पर्ची में गुटखा तो किसी ने बीड़ी-सिगरेट से लेकर शराब छोडऩे का संकल्प लिया। कई लोगों ने अपने जीवन में तरक्की में बाधक बन रहीं गलत आदतों को स्वाहा किया। इसे फिर कभी जीवन में धारण नहीं करने का संकल्प लिया। ज्ञानयज्ञ के समापन पर बीके गीता दीदी ने गीता का सार बताते हुए कहा कि गीता पढऩे के बाद स्वस्थिति इतनी मजबूत हो जाती है कि बाहरी परिस्थिति का प्रभाव नहीं पड़ता है। हम यदि अपने आप पर ध्यान केन्द्रित करेंगे तो सब चीजें अपने आप ठीक हो जाएंगी। परमात्मा अर्जुन रुपी आत्माओं से कह रहे हैं कि हे! पार्थ तेरा क्या था जो तू रोता है, दु:ख करता है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों के अनुसार ब्रह्माजी की आयु सौ वर्ष है। इस बीच ब्रह्माजी संकल्प से सृष्टि की रचना करते हैं। वह अपने मुख से गीता ज्ञान देते हैं और ब्राह्मणों की रचना करते हैं। इंदौर से आए अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर व बिहेवियर साइंटिस्ट डॉ. अजय शुक्ला ने कहा कि इन पांच दिनों में योग शक्ति गीता दीदी ने जीवन को बदलने के लिए जो अमूल्य बातें बताई हैं और जो सीख दी है उसे यदि आत्मसात करेंगे तो जीवन बदल जाएगा और घर में सुख-शांति का वास होगा। इस अवसर पर विधायक महेश राय आदि ने आरती की।
संस्कार केंद्र खोलने की है जरुरत
आज दुनिया में तेजी से जेल और अस्पताल खुल रहे हैं, लेकिन आज समाज में ऐसे केंद्र खोलने की जरुरत है जहां से संस्कारों का निर्माण हो, जहां श्रेष्ठ नागरिकों का निर्माण हो। क्योंकि एक बच्चा अपराधी या बीमार बनने की जगह श्रेष्ठ राष्ट्र के निर्माण में सहायक बन सकें और चरित्र निर्माण हो सके। तामसिक भोजन और गलत चित्रों को देखने से इंद्रियां भड़कती हैं इसलिए आज सबसे ज्यादा बच्चों को अच्छे साहित्य पढऩे की आदत डालने और सात्विक भोजन देने की जरुरत है।

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