दरअसल, शनिवार को दमोह विधायक व प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने दमोह में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया था। जिसमें प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का बखान उन्होंने किया। इस दौरान पत्रकारों ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम और ऊपर से मप्र सरकार द्वारा लगाए जा रहे सबसे अधिक वेट पर जब उनसे सवाल किया, तो उनका जबाव सुनने लायक रहा। वित्त मंत्री ने बड़ी ही सफाई से इस दौरान अपनी पीड़ा भी व्यक्त कर दी। उन्होंने कहा कि यह आरोप गलत है कि हमने वेट में कटौती नहीं की। 14 अक्टूबर 2017 को हो हमने प्रदेश में पेट्रोल पर लगते आ रहे 31 प्रतिशत वेट में से 3 प्रतिशत घटाकर 28 प्रतिशत कर दिया था। वहीं डीजल पर से भी वेट 5 प्रतिशत कम करके 23 प्रतिशत कर दिया था। इससे पहले 28 प्रतिशत वेट मप्र सरकार द्वारा डीजल पर प्रति लगाया जाता था।
यह बताते-बताते वित्त मंत्री की पीड़ा उस वक्त झलकती नजर आई, जब वह कहते है कि वेट कम करने की वजह से सरकार को 2 हजार करोड़ का नुकसान हुआ। अपनी चर्चा के दौरान उन्होंने प्रदेश की इकॉनमी पर बात पेट्रोल-डीजल से ही जोड़कर रखी। साथ ही इसे विस्तृत चर्चा का विषय बताया। वित्त मंत्री के इस बयान से स्पष्ट है कि मप्र सरकार फिलहाल पेट्रोल-डीजल पर से अब एक प्रतिशत वेट कम करने के मूड में नहीं है। फिर चाहे जनता के जेब पर असर पड़े या कांग्रेस इसे लेकर प्रदर्शन करती रहे। शनिवार को दमोह में पेट्रोल के रेट 86 रुपए 59 पैसा है। जबकि डीजल के रेट 76 रुपए 83 पैसा रहे।
ज्योतिरादित्य की बात नहीं होगी कभी पूरी
हटा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि उनकी सरकार बनती है तो हटा व पटेरा तहसील क्षेत्र को पंचमनगर प्रोजेक्ट से पानी पहुंचाएंगे। लेकिन इस बात पर वित्तमंत्री ने स्पष्ट कहा कि यह कभी ना पूरी होने वाली बात ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही है। उन्होंने बताया कि पंचमनगर में इतना पानी ही नहीं है कि उल्टी दिशा में भेजा जा सके। जयंत मलैया ने कहा कि 518 करोड़ की इस सीतानगर सिंचाई परियोजना से हटा व पटेरा तहसील क्षेत्र को पानी हम पहुंचाएंगे।
हटा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि उनकी सरकार बनती है तो हटा व पटेरा तहसील क्षेत्र को पंचमनगर प्रोजेक्ट से पानी पहुंचाएंगे। लेकिन इस बात पर वित्तमंत्री ने स्पष्ट कहा कि यह कभी ना पूरी होने वाली बात ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही है। उन्होंने बताया कि पंचमनगर में इतना पानी ही नहीं है कि उल्टी दिशा में भेजा जा सके। जयंत मलैया ने कहा कि 518 करोड़ की इस सीतानगर सिंचाई परियोजना से हटा व पटेरा तहसील क्षेत्र को पानी हम पहुंचाएंगे।
45 हजार एकड़ में सिंचाई होगी
सीतानगर सिंचाई परियोजना से लगभग 45 हजार एकड़ में सिंचाई होगी, दमोह, पथरिया, हटा के 84 ग्रामों के किसान सिंचाई से लाभांवित होंगे। उन्होंने कहा सीतानगर परियोजना, साजली परियोजना सुनार नदी पर हैं 650 एमसीएम पानी का भराव होगा। सीतानगर मध्यम परियोजना है, पहले फेस में इससे हटा व पटेरा को पानी दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि जूड़ी परियोजना का टैंडर हो गया है। वित्तमंत्री का दावा है कि यह सभी परियोजनाएं पूरी होते ही दमोह मध्यप्रदेश में परियोजनाओं से सिंचाई करने वाला पहला जिला बन जाएगा। पंचम नगर में 122 एमसीएम पानी है, 22 एमसीएम पानी बचता है इसलिए पंचमनगर से हटा में पानी पहुंचना संभव नहीं है। उन्होंने कहा क्षेत्र में सिंचाई व्यवस्था हो जाने से माइग्रेशन बंद होगा। इसके अलावा वार्ता में जयंत मलैया ने दमोह जबलपुर मार्ग के पेंच वर्क शीघ्र शुरू कराए जाने की बात कही। साथ ही शहर के मुख्य बस स्टैंड व हॉकी के कृत्रिम मैदान एस्ट्रोटर्फ का लोकार्पण आचार संहिता के पहले किए जाने का बताया है।