सागरPublished: Jun 03, 2019 09:56:41 pm
sachendra tiwari
समिति बनाकर कर रहे कार्य
Plants planted to protect the environment
बीना. यदि मन में ठान लिया जाए तो कोईभी बड़ा काम आसान हो जाता है और लक्ष्य को हासिल भी किया जा सकता है। ऐसा ही संकल्प लिया है नगर के कुछ लोगों ने कि वह पर्यावरण को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। इसके लिए उन्होंने एक समिति बनाकर पिछले वर्ष से पौधा रोपने का कार्य शुरू किया था जो आज भी जारी है। एक वर्ष में अलग-अलग जगहों पर 1200 से अधिक पौधे रोप चुके हैं।
पिछले वर्ष कुछ लोगों ने मिलकर मां मोतीचूर जल एवं पर्यावरण संरक्षण अभियान समिति बनाई थी। समिति द्वारा लगातार 334 दिनों से यह कार्य जारी है। पौधों को रोपकर उनकी देखरेख की जा रही हैऔर बारिश में फिर पौधे रोपे जाएंगे। अभी तक मोतीचूर नदी के किनारे, शनि मंदिर के पास, श्मशान घाट, कब्रिस्तान, सिविल अस्पताल, गल्र्स कॉलेज, पीजी कॉलेज, प्रताप वार्ड, दरगाह, कुरवाईरोड के कब्रिस्तान और श्मशान घाट आदि जगहों 1200 से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं। समिति द्वारा जो पौधे लगाए गए हैं वह बड़े-बड़े हो चुके हैं। समिति में एचडी गोस्वामी, मनीष कैथोरिया, बिट्टू राय, उदयभान पटेल, राकेश माली, सूर्यप्रकाश रजक, संजू रैकवार, मकसूद अली, यूनिस सिद्दकी, दिनेश कुशवाहा, कल्लू रैकवार, अजय पवार, सनत राय, खलील खां, विरोद नामदेव, प्रिंस चौरसिया, राकेश सुमन शामिल हैं।
गर्म हवाओं से बचाने बांधे साड़ी के टुकड़े
इन दिनों चल रही गर्म हवाओं से पौधे झुलस रहे थे और इन पौधों को बचाने के लिए पुरानी साड़ी लेकर उनके टुकड़े ट्री गार्डों पर बांध दिए हैं, जिससे पौधे सुरक्षित है। यदि गर्म हवाओं से बचाने का प्रयास नहीं किया जाता तो पौधे सूख जाते।
सुबह-शाम कर रहे देखभाल
समिति के सदस्य सुबह-शाम पौधों की देखभाल करने के लिए पहुंचते हैं और पौधों को पानी भी देते हैं। लगातार देखभाल के कारण कुछ पौधे ही खराब हुए हैं बाकी पौधे सुरक्षित हैं। कुछ पौधे ट्री गार्ड के ऊपर तक आ गए हैं। इस बारिश के बाद श्मशान घाट के पौधे बड़े हो जाएंगे।