जानकारी के अनुसार गेहलपुर में सीताराम धानक अपने परिवार के साथ रहता है। सोमवार सुबह उसकी पुत्री सरोज (8)घर के कमरे में मोबाइल फोन की बैटरी लेकर खेल रही थी। इसी दौरान अचानक धमाका हुआ जिसे सुनकर परिवार के लोग दौड़कर बाहर आए। उन्होंने सरोज का बिलखते हुए लहूलुहान हालत में देखा तो वे घबरा गए। उसे तुरंत जैसीनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे सागर रेफर कर दिया गया जहां बच्ची को बुंदेलखण्ड मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
मोबाइल फोन की बैटरी फटने से बालिका सरोज काफी जख्मी हुई है। सरोज की मां ज्योति ने बताया बच्ची कीपैड मोबाइल फोन की बैटरी से खेल रही थी। उसे लेकर वो कमरे में चली गई जिसके कुछ ही देर बाद धमाके और चीख की आवाज आई तो वे दौड़कर पहुंची थीं। धमाके से बैटरी के टुकड़े बच्ची के चेहरे, हाथ-पैर सहित शरीर के कई हिस्सों में धंसे हैं।
8 साल की बालिका भी घायल
सागर जिले के जैसीनगर के गेहलपुर में खेलते समय मोबाइल फोन की बैटरी फटने से 8 वर्षीय बालिका घायल हो गई। धमाके की आवाज सुनकर दौड़कर पहुंचे परिजन खून से लथपथ बच्ची को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए जहां से उसे बीएमसी रेफर कर दिया गया। बैटरी के धमाके से बच्ची का हाथ, पेट और चेहरा जख्मी हुआ है।
आप भी रहें ध्यान
बारिश के दिनों में बिजली की गरज चमक बंद चालू मोबाइल, स्मार्टफोन को बम के समान विस्फोटक बना सकती है। दरअसल मोबाइल की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड आकाशीय बिजली को अपनी और आकर्षित करती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक बिजली गरजने के दौरान यदि आप किसी खुले स्थान पर मोबाइल इस्तेमाल कर रहे होते हैं तो उस वक्त बिजली गिरने का खास खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में मौसम में मोबाइल को स्विच ऑफ कर रखने से भी खतरा बना रहता है। स्मार्टफोन के इस्तेमाल के दौरान इसलिए बढ़ जाता है खतरा आकाशीय बिजली के मोबाइल की ओर आकर्षण से धमाका हो सकता है।
दुनिया भर में हर सेकंड 1800 से 2000 बादलों की गर्जना होती है । आकाश से बिजली पृथ्वी पर 5400 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गिरती है। वैज्ञानिकों के अनुसार आकाश में रोज 44000 बार बिजली चमकती है लेकिन बिजली और हमारे बीच बादलों की मोटी परत की वजह से यह हमें हमेशा नहीं दिखाई देती है।