चाकू से ज्यादा घातक
लाठी-चाकू या अन्य हथियार से कटर कई गुना घातक है, हालांकि आम्र्स एक्ट के तहत कटर रखना अपराध नहीं है लेकिन यह जानलेवा है। इसलिए कटर मारकर लोगों को जख्मी करने वाले बदमाशों के विरुद्ध सख्ती बरती जा रही है। भले ही कटर हथियार की श्रेणी में नहीं आता लेकिन उससे हमला करने वाले की नियत को देखते हुए जानलेवा हमले की कोशिश का अपराध दर्ज किया जा सकता है। इसीलिए कटरबाजी के दो मामलों में मोतीनगर, कोतवाली पुलिस ने नशे में धुत युवकों पर हत्या के प्रयास के अपराध दर्ज किए हैं।
बदमाशों पर नजर
सस्ते नशे के चक्कर में टेबलेट और सस्ती शराब पीने वाले युवकों और थाना क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था को खतरा बन चुके बदमाशों की पुलिस निगरानी कर रही है। पुलिस कटरबाजी के पुराने मामलों के आरोपियों का रिकॉर्ड भी खंगाल रही है। एसपी की सख्ती के चलते थाना क्षेत्रों में शराब के नशे में गली-मोहल्लों में मंडराने और लोगों को असुविधा खड़ी करने वाले बदमाशों पर कसावट लाने के लिए नियमित वाहन चैकिंग भी शुरू कर दी गई है।