सागरPublished: Jul 31, 2018 10:56:19 am
sunil lakhera
परिजनों ने पहले दुकान पर पूछताछ की और फिर थानों में तलाश करते हुए रात 10 बजे आइजी निवास पर गुहार लगाने पहुंच गए
Police came and kidnapped youths from the market
सागर. गुजराती बाजार क्षेत्र से सोमवार को दो युवकों को अज्ञात लोग स्वयं को पुलिस बताकर उठा ले गए। जब शाम तक दोनों वापस नहीं लौटे तो परेशान परिजनों ने पहले दुकान पर पूछताछ की और फिर थानों में तलाश करते हुए रात 10 बजे आइजी निवास पर गुहार लगाने पहुंच गए। वहां से उन्हें कंट्रोल रूम भेजा गया और तब युवकों को किसी बदमाश द्वारा अगवा करने की बात सामने आई।
जानकारी के अनुसार आदिवासी युवक नंदकिशोर 23 और अविनाश 22 गुजराती बाजार में अलंकार टॉकीज के पास एक आयुर्वेदिक चूर्ण की दुकान पर काम करते हैं। सोमवार दोपहर दो युवक दुकान पर पहुंचे और खुद को पुलिस बताया। दोनों को पूछताछ करने का कहकर कार में उठाकर ले गए। शाम को घर न पहुंचने पर परिजन पहले दुकान फिर कोतवाली थाने पहुंचे। वहां जब अविनाश और नंदकिशोर का पता नहीं चला तो अविनाश की मां रीना बाई और चांदनी, बेनाबाई, नंदकिशोर के पिता नेता आदिवासी शहर के अन्य थानों के चक्कर लगाते हुए आइजी सतीश कुमार सक्सेना से मिलने पहुंच गए। यहां मिले पुलिसकर्मियों ने उन्हें कंट्रोल रूम भेज दिया। कंट्रोल रूम से थानों से इस संबंध में जानकारी मांगी गई। जब पुलिस द्वारा युवकों को नहीं ले जाने की बात की पुष्टि हो गई, तब उन्हें कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने भेजा गया। वहीं थानों को भी युवकों के संबंध में जानकारी जुटाने के निर्देश दिए गए हैं।
बदमाश की जमानत अर्जी खारिज
वहीं 22 जुलाई की रात गढ़पहरा के पास एक खंडहर में डकैती-लूट की साजिश रचते गिरफ्तार किए गए एक बदमाश की जमानत अर्जी कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी। मंगलवार को कोर्ट इसी मामले में जेल में बंद एक अन्य आरोपी की अर्जी पर सुनवाई हो सकती है।
जानकारी के अनुसार कैंट पुलिस ने दो अन्य थानों की पुलिस के साथ मिलकर मिलन उर्फ मचे रजक, नीरज कोरी, सीताराम पटेल,आकाश उर्फ अक्कू सेन, जीशान खान, संतोष विश्वकर्मा व अमन मिर्जा को दबोचा था।
कैंट थाना टीआई नीलेश दोहरे ने बताया बदमाशों के इस गिरोह के सदस्य सीताराम पटेल के वकील द्वारा प्रस्तुत जमानत अर्जी पर सोमवार को अपर सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई। पुलिस ने सीताराम के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड का हवाला देते हुए जमानत का विरोध किया जिस पर कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी।