वाइस रिकॉर्डर में रिश्वतखोर पुलिसकर्मी की आवाज की पुष्टि, चार साल की सजा
सागरPublished: Jan 26, 2018 01:53:01 pm
लोकायुक्त ने दर्ज किया था मामला
सागर. लोकायुक्त के हत्थे चढ़े पदमाकर थाने के मुंशी को कोर्ट ने पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने का दोषी पाया है। उसे चार साल की सजा और २० हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित करके जेल भेज दिया गया है। लोकायुक्त द्वारा कोर्ट में पेश किए गए वाइस रिकॉर्डर में आरोपी मुंशी द्वारा रिश्वत मांगे जाने की आवाज होना पाई गई थी। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ममता जैन ने सजा से दंडित किया है। अभियोजन के अनुसार मकरोनिया निवासी पुरुषोत्तम ने 24 नवंबर 2014 को लोकायुक्त पुलिस कार्यालय में शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि 17 अक्टूबर 2014 को बड़े भाई प्रदीप ने उसके खिलाफ थाने में मारपीट का प्रकरण दर्ज कराया है। इस प्रकरण में कोर्ट में चालान पेश होना था। चालान पेश करने के एवज में पदमाकर नगर थाने में पदस्थ नेहानगर निवासी मुंशी राजेंद्र दुबे उससे 5000 रुपए रिश्वत मांग रहा था।
लोकायुक्त ने जांच के आधार पर पुरुषोत्तम को वाइस रिकॉर्डर देकर साक्षी ओम पाठक के साथ राजेंद्र के पास भेजा। इसी दिन शाम 6 बजे तीन हजार रुपए रिश्वत के लेनदेन की बातचीत पुरुषोत्तम ने रिकॉर्ड कर ली। 25 नवंबर
को आवाजों की पुष्टि करने के बाद पुलिस ने आरोपी मुंशी के खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया।
छेड़छाड़ के आरोपी को ३ साल की सजा
सागर. युवती से छेड़छाड़ करने के आरोपी को न्यायाधीश अरविंद जैन ने तीन साल की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक रविकांत सराफ ने बताया कि १२ दिसंबर २०१४ को कैंट क्षेत्र में एक युवती को क्षेत्र के ही साजिद बाबा ने रोका और उसे अपने साथ ले जाने की जिद करने लगा। युवती के मना करने पर उसने उसका बुरी नियत से हाथ पकड़ा और छेड़खानी करने लगा। युवती को इस घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। घर लौटने के बाद पीडि़ता ने अपने परिवार वालों को इसकी जानकारी दी। परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे, जहां पीडि़ता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर चालान कोर्ट में पेश किया। उन्होंने बताया कि न्यायाधीश अरविंद जैन ने साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी पाया।