scriptपरस्पर भाव में नहीं आनी चाहिए दरिद्रता: आचार्यश्री | Poverty should not come in mutual feelings: Acharyashree | Patrika News

परस्पर भाव में नहीं आनी चाहिए दरिद्रता: आचार्यश्री

locationसागरPublished: Apr 25, 2022 02:38:09 am

Poverty should not come in mutual feelings: Acharyashree

Poverty should not come in mutual feelings: Acharyashree

Poverty should not come in mutual feelings: Acharyashree

सागर/रहली. रहली के पटनागंज में विराजमान आचार्यश्री ने धर्मसभा को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि अर्थ का मूल्य अनर्थ न हो जाए, इसे देखते रहो चैतन्य रूप से। क्योंकि अर्थ की मूर्छता आत्मा की उन्नति नहीं होने देती। मनुष्य को स्वयं के सर्व कल्याण में पैसा अर्थ को दबाते हो, इसे उठाओ दबाव मत। दिगंबर जैन तीर्थ अतिशय क्षेत्र पटना गंज में रविवार के दिन देश के दूर-दूर स्थानों से आए श्रद्धालुओं को अमृत वचन देते हुए पूज्य आचार्य विद्यासागर महाराज ने प्रात: काल धर्म सभा में कहा कि धर्म यात्रा में वृद्ध सभी शामिल हों, तो अच्छा लगता है। तीव्र तपन में भी सभी को अतिशय क्षेत्र पटना गंज के दर्शन के भावों की उपलब्धि हो लाभ मिले। सांसारिक कार्यक्रम गौंड़ होते चले जाएं। भावों का उत्थान और विकास होता रहे ऐसा परस्पर भाव सदा बनाओ।मेरा कल्याण हो विकास हो सुखी रहें, अपेक्षा से सबका भला हो ऐसा सोचें परस्पर भाव में कभी दरिद्रता नहीं आनी चाहिए। भारत में कुछ नवजीवन से जिस दिशा में चलने की अपेक्षा थी उस दशा में कार्य प्रारंभ हो गया है कार्य गति ले रहा है समग्रता से अखंडता को लेकर चल रहा है अखंडता का अर्थ है एक दूसरे से को गौंड़ करके बढ़ते रहना चाहिए।
गौरतलब है कि रहली विधानसभा क्षेत्र के पटनागंज में आचार्यश्री के विराज होने के कारण क्षेत्र सहित आसपास के लोग उनके दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं। यहां जैन समाज के अलावा भी अन्य लोग दर्शनलाभ लेने के लिए पटनागंज बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
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